बिलासपुर। प्रभारी प्राचार्य और लिपिक ने मिलकर एक व्याख्याता के खाते में 11 माह के भीतर 22 बार एरियर्स जमा करा दिया और 78 लाख रुपयों का घोटाला कर दिया। ट्रेजरी ने भी कोई आपत्ति किए बिना पूरा भुगतान किया। मामले की शिकायत रतनपुर थाने में होने पर प्रभारी प्राचार्य, लिपिक और लेक्चरर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रभारी प्राचार्य की कोविड महामारी के दौरान मौत हो चुकी है, पर उसे प्रकरण की जांच के लिए आरोपी बनाया गया है।

मामला बेलतरा स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का है। प्रभारी प्राचार्य एनपी राठौर ने जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक को लिखित जानकारी दी कि स्कूल के व्याख्याता पीएल कुर्रे के वेतन और भविष्य निधि खाते में  77 लाख 71 हजार 932 रुपये जमा किए गए हैं। स्कूल के वरिष्ठ व्याख्याता पीएल मरावी सन् 2019-20 में 11 महीने 20 दिन तक प्रभारी प्राचार्य रहे। राठौर इस दौरान अवकाश पर थे और उन्होंने आहरण का अधिकार मरावी को दिया था। हालांकि राठौर की भूमिका भी इसमें संदिग्ध है क्योंकि कार्य पर वापस लौटने के बाद उन्होंने मरावी के द्वारा ट्रेजरी में भेजे गए किसी भी बिल की जांच नहीं की। राठौर ने इस मामले की शिकायत तब डीईओ से की जब गड़बड़ी की शिक्षा विभाग में चर्चा होने लगी। जिला शिक्षा अधिकारी कौशिक ने जांच के बाद पाया कि मरावी के अलावा इस मामले में लिपिक कैलाश सूर्यवंशी और व्याख्याता पीएल कुर्रे की भी भूमिका है। मरावी का 22 मई 2021 को कोविड संक्रमण के कारण निधन हो गया था।

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