एसीबी ने दो साल पहले छापा मारकर करोड़ों की संपत्ति का पता लगाया था, हाईकोर्ट के आदेश के बाद आई जांच में तेजी

बिलासपुर। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी व रिटायर्ड संयुक्त संचालक आरएन हीराधर के खिलाफ एसीबी का चालान पेश होते ही स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए हीराधर ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई है। इस मामले की जांच में एसीबी की देरी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, जिसके बाद यह चालान जमा किया गया।
सन् 2021 में  हीराधर के खिलाफ दस्तावेजों के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की गई थी कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। यह संपत्ति उन्होंने बिलासपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहने के दौरान अर्जित की है। इसके बाद ब्यूरो ने छापा मारा। छापे में पाया गया कि उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिसका कोई हिसाब नहीं है।
एसीबी ने जांच में पाया था कि बिलासपुर की विजयापुरम कॉलोनी में उनकी पत्नी भुनेश्वरी के नाम पर 2500 वर्गफीट का प्लॉट है जिसमें दो मंजिला मकान है। जमीन की कीमत करीब 48 लाख रुपए और मकान करीब एक करोड़ का है। बिलासपुर के ही मोपका में बेटे रूबेल के नाम पर 50 लाख रुपए की 4820 वर्गफीट जमीन है।  विजयापुरम् में ही बेटे राहुल के नाम पर 25 वर्गफीट भूखंड है। बिलासपुर के चांटीडीह में हीराधर के नाम पर 36 सौ वर्गफीट जमीन है, जिस पर तीन मंजिला मकान बना है। इसके अलावा कांकेर के चारामा में कई एकड़ कृषि भूमि बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान खरीदे गई।
हीराधर के पास महंगी कारें और बाइक मिली। उसके बेटे राहुल के पास ब्रेजा कार है जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए है। पत्नी भुनेश्वरी के नाम पर 14 लाख रुपए की डस्टर कार है। एक अन्य बेटे रुबेल के नाम पर दो लाख रुपये की इनफील्ड बुलेट बाइक है। उसके दोनों बेटों ने एमबीबीएस की डिग्री ली है, जिस पर भी लाखों रुपये खर्च किये जाने की जानकारी एसीबी को मिली।
हीराधर के नाम पर विभिन्न निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों में 16 एफडी होने का पता चला। पत्नी और बेटों के नाम पर भी 10 एफडी हैं। सभी के नाम पर अलग-अलग बीमा पॉलिसी भी हैं। उनका स्टेट बैंक के मेन ब्रांच और सरकंडा बैंक में अकाउंट का होने का भी पता चला।
छापेमारी के बाद दो साल तक कार्रवाई नहीं होने पर हीराधर के खिलाफ शिकायत करने वाले रजनीश साहू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज जब्त होने के बावजूद एसीबी ने अब तक हीराधर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई नहीं की है। बीते अगस्त में हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने ब्यूरो को आदेश दिया था कि 6 सप्ताह में जांच पूरी कर चालान पेश करे। इसके बाद बुधवार को जिला न्यायालय के विशेष व्यवहार न्यायाधीश के समक्ष मामले में चालान पेश किया गया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी कल ही जारी किया। इसी बीच हाईकोर्ट में हीराधर ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर दी है, जिस पर 7 दिसंबर को सुनवाई होगी।

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