बिलासपुर। छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तब विचलित हो गए जब उनसे अदानी से जुड़ा सवाल दागा गया। उन्होंने, दोस्ती हो गई क्या? सवाल पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्होंने एक मुख्यमंत्री होने के नाते छत्तीसगढ़ के वनांचल के निवासियों और किसानों के मुद्दे पर मांगें रखीं।

मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि मोदी जी से दोस्ती हो गई क्या.?  बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छत्तीसगढ़ की समस्याओं के संबंध में चर्चा करने के लिए मिले थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से दो मुद्दों पर बात रखी। रु. 2500 क्विंटल की दर से धान की हो रही खरीदी हम कर रहे हैं। खाद्य विभाग ने इसमें व्यवस्था की है की जो बोनस की राशि है वह केंद्र सरकार प्रदान नहीं करेगी। हम ने प्रधानमंत्री से मांग की है की कंडिका 1 को वे शिथिल करें और बोनस की राशि राज्य सरकार को दें, ताकि किसानों को धान की उचित कीमत दी जा सके। बघेल ने बताया कि  मोदी यह भी मांग की गई है कि वनांचल में रहने वाले ऐसे लोगों को भी किसान सम्मान निधि दी जाए जिन्हें पट्टा प्रदान किया गया है। इसके अलावा किसान सम्मान निधि की राशि रु. 6000 सालाना से बढ़ाकर के रु. 12000 सालाना किया जाए।

मुख्यमंत्री बघेल तब बिफरे जब वे अरपा नदी और कानन पेंडारी से संबंधित सवालों का जवाब दे रहे थे।  उनसे अडानी  को लेकर सवाल कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने अपना रुकते हुए कहा कि या तो आप सवाल ही कर लीजिए या फिर मुझे जवाब देने दीजिए। उन्होंने कहा कि अरपा से संबंधित सवाल ज़्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि अरपा नदी को  बचाने की जरूरत है उसे संरक्षित तो करना ही है और जो नाले अरपा नदी में आकर मिलते हैं, उन्हें भी  पुनर्जीवित किया जाएगा। कानन पेंडारी में वन्यजीवों की मौत पर पूछे गए सवाल को बघेल ने यह कहकर टाल दिया कि मौतें पिछली सरकार के दौरान होती थीं, अब नहीं हो रही है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कानन पेंडारी में एक दरियाई घोड़े की मौत हुई थी। कुछ दिन पहले एक सफेद शेर की भी मौत हो चुकी है।

 

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