प्रेस क्लब कार्यकारिणी शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, पत्रकारों के हित में भी कई घोषणाएं कीं

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों के बीच सोशल मीडिया पर हो रही पत्रकारिता को लेकर चिंता जताई है और राय रखी है कि इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने पर विचार होना चाहिए।

बघेल बिलासपुर में आयोजित बिलासपुर प्रेस क्लब के शपथ ग्रहण समारोह में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि कोई अख़बार या इलेक्ट्रॉनिक चैनल ग़लत ख़बर चला दे तो उसके ख़िलाफ़ कानून है लेकिन सोशल मीडिया पर चलने वाली ख़बरों का कोई माई-बाप नहीं है। अधिक से अधिक आप अफवाह फैलाने या गलत सूचना देने पर ऐसी सोशल मीडिया की ख़बर पर एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।   आज हर आदमी अख़बारनवीस है। पहले तो कुछ लोग अपने को पत्रकार माना करते थे लेकिन जब से स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा मिली है हर आदमी कैमरामैन और संवाददाता बन गया है। नई पीढ़ी के लोग अब अख़बार नहीं पढ़ते हैं। टीवी भी नहीं देखते, राजनीतिक लोगों के परिवार में भी सीरियल्स देखे जा रहे हैं, समाचार नहीं। पर स्मार्ट फोन सूचना और समाचार का माध्यम बन गया है। दूसरे मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट फोन की तरह इसे भी कानून के दायरे में लाने पर विचार होना चाहिए।

पत्रकारों को अधिकाधिक अधिमान्यता मिलनी चाहिए, रियायती आवास का लाभ भी देंगे  

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के पत्रकारों को अधिकाधिक संख्या में अधिमान्यता मिलनी चाहिए।

बघेल आज बिलासपुर प्रेस क्लब की नई कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अनेक हिस्से नक्सल प्रभावित हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनेक पत्रकार निष्ठाभाव से काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी बीमारी फैलती है, जंगल में आग लगती है, इसकी जानकारी हमें सबसे पहले मीडिया से ही मिलती है। मगर यह सूचना सामने लाने वाले पत्रकारों के पास अधिमान्यता नहीं है। जब उनके ऊपर कोई समस्या आती है तो बचाव के लिए उनके पास कोई प्रमाण नहीं होता है। हमारा मानना है कि अधिक संख्या में पत्रकारों को अधिमान्यता मिलनी चाहिए।

बिलासपुर प्रेस क्लब की ओर से रखी गई मांगों पर बघेल ने कहा कि रियायती आवास के लिए नियमों का परीक्षण किया जायेगा। इसके लिए वित्त विभाग को विषय,  विचार के लिए भेजा जायेगा। आवश्यक होने पर मंत्रिमंडल से भी स्वीकृति ली जायेगी और पत्रकारों को लाभान्वित अवश्य किया जायेगा।

बघेल ने सरकार के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि अब सेवानिवृत्त पत्रकारों को पांच हजार रुपये के स्थान पर 10 हजार रुपये पेंशन दिया जायेगा। पहले यह प्रावधान पांच वर्ष के लिए था, जिसे अब आजीवन प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के लिए पूर्व में 50 हजार रुपये तक अधिकतम स्वीकृति दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब दो लाख रुपये कर दिये गए हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि संविधान के तीन स्तंभों न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के अलावा मीडिया चौथा स्तंभ है। सभी मिलकर कार्य करेंगे तो छत्तीसगढ़ को हम नई ऊंचाई तक पहुंचाएंगे। लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

स्वागत उद्घबोधन बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलक राज सलूजा ने दिया। कार्यक्रम में तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, नगरी-सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव, पाली-तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा, महापौर किशोर राय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव और अनेक कांग्रेस नेता भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सलूजा सहित बिलासपुर प्रेस क्लब की कार्यकारिणी के सदस्यों को शपथ दिलाई। इनमें उपाध्यक्ष मनीष शर्मा, सचिव वीरेन्द्र गहवई, कोषाध्यक्ष रमन दुबे, सह-सचिव उमेश मौर्य तथा कार्यकारिणी सदस्य सूरज वैष्णव शामिल थे। बिलासपुर प्रेस क्लब की ओर से मुख्यमंत्री तथा विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।  कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर व आसपास के पत्रकार उपस्थित थे।

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