बिलासपुर। मस्तूरी के एक मंदिर से भांवर गणेश की पुरातात्विक महत्व की मूर्ति चोरी होने के मामले में पुलिस को 8 दिन बीतने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। अब चोरों के बारे में सुराग देने के वालों पर एसएसपी ने पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस मूर्ति की कीमत करोड़ों रुपये होने की बात कही जा रही है।

बीते 26 अगस्त को मस्तूरी थाने के इटवापाली ग्राम के मंदिर से 100 साल पुरानी ग्रेनाइट से बनी भांवर गणेश की मूर्ति चुरा ली गई थी। चोरों ने मंदिर के सेवादार महेश केवट को बंधक बना लिया था। उसके हाथ पैर बांध दिए गए थे तथा मुंह में पट्टी लगा दी गई थी। उससे चाबी छीनकर वे भाग गए थे।

अगले दिन घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी पारुल माथुर खुद मंदिर पहुंची थीं। पुलिस ने अगले दिन नाकेबंदी की लेकिन चोरों का कोई सुराग अब तक नहीं मिल पाया है। आरोपियों को पकड़ने व मूर्ति वापस लाने के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। कुछ संगठन इस मामले में प्रदर्शन भी कर चुके हैं। माथुर ने चोरों का सुराग देने पर जानकारी गोपनीय रखने और पांच हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि चोरी के पीछे पेशेवर अंतर्राज्जीय गिरोह का हाथ हो सकता है। अब से करीब 30 साल पहले मस्तूरी इलाके के मल्हार से डिडिनेश्वरी देवी की मूर्ति चुरा ली गई थी। पुलिस ने करीब 40 दिन बाद यूपी के एक गिरोह को गिरफ्तार कर मूर्ति वापस ढूंढ लिया था। आरोपी इस मूर्ति को अंतर्राज्यीय बाजार में 2 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा कर चुके थे। इसके बाद मल्हार के मंदिर में सुरक्षा बढ़ाई गई है। इटवापाली के मंदिर में एक सेवादार की ड्यूटी थी लेकिन सुरक्षा के दूसरे इंतजाम नहीं किए गए हैं।

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