बीजापुर । बीते दिनों 16 अक्टूबर को अउटपल्ली-कोरसागुडा के जंगल में हुए मुठभेड़ को मारे गए नक्सली को परिजनों ने फर्जी (fake maoist encounter)  करार दिया है. माओवादी के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जबरन माओवादी बताकर उसकी हत्या की है.उधर, ग्रामीणों के इस आरोप को बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा है कि मुठभेड़ में ढेर एक नक्सली परिजन अन्य माओवादियों के दबाव में आकर ऐसे आरोप पुलिस पर लगाते रहे हैं.बता दें कि बीते शुक्रवार को सुबह करीब 9.30 बजे बासागुड़ा थाना और केरिपु 168 बटालियन के जवान सर्चिंग पर निकले थे. इस दौरान कोरसागुड़ा और ऑउटपाल्ली के बीच जंगल में नक्सलियों से उनका सामना हो गया.मुठभेड़ में दोनों ओर से जमकर फायरिंग हुई, लेकिन जवानों को इसमें सफलता मिली. जवानों ने एक लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया. पुलिस ने मारे गए माओवादी की पहचान विकेश हेमला के रूप में की थी. पुलिस के मुताबिक वह नक्सलियों के संगठन में काफी सक्रिय था.

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