रायपुर : राजधानी में एक सामाजिक संस्था “कुछ फर्ज हमारा भी” समाज के अनेक मुद्दों पर निरंतर अपनी सेवाएं दे रही है. 23 मई 2018 से संस्था समज के हित के लिए लगातार कार्यरत है, जिसमें स्वच्छता अभियान, रास्ते में घूम रहे निशक्तजनों का पुनर्वास के साथ उनकी देखभाल, आश्रमों में दाखिला और जरूरत पड़ने पर प्राथमिक उपचार कराना भी शामिल है.

इतना ही नहीं, संस्था द्वारा वृक्षारोपण, शहर को बदसूरत करने वाले सरकारी जगहों पर लगे पोस्टर को निकालने का कार्य, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर अनुभवी डॉक्टरों के साथ, झुग्गी बस्तियों में जाकर जरूरतमंदों को कपड़ा बांटने का कार्य, रक्तदान शिविर एवं विशेषकर कोरोना काल मे जरूरतमंद परिवारों को कच्चा राशन व पका भोजन पहुंचाने का कार्य किया गया है. लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से घर लौटे मजदूरों को चप्पल बांटने का काम भी किया.

संस्था प्रमुख ने बताया, बीते दिनों सात दिन के लॉकडाउन में हमे एक ऐसे परिवार के बारे में सूचना मिली जो दो दिनों से भूखे थे एवं मदद मांग रहें थे. सूचना मिलते ही हमने उन्हें 15 दिनों का राशन उपलब्ध कराया व बीच-बीच मे कई बार राशन, पैसे देकर समस्या दूर करने का प्रयास किया.

उन्होंने बताया, बच्ची टीना (उम्र-10 वर्ष) व उसका परिवार पिछले 1 वर्ष से सड़क पर बैठकर मात्र वेट मशीन के सहारे जीवन व्यतीत कर रहे थे. रोजाना 50 से 100 रुपए ही कमाई हो रही है उसमें 1200/- महीने का किराया एक छोटे से झोपड़ी का वहन किया जा रहा है. बच्ची की माँ ने बताया कि टीना के पापा रिक्शा चलाते थे. अप्रैल 2020 में किसी अज्ञात कार सवार ने ठोकर मार दी और उनका हाथ टूट गया दूसरे दिन किसी अस्पताल में इलाज के लिए गए लेकिन लंबे प्रक्रिया के चलते व कोरोना के डर से उनका इलाज नहीं हो पाया तब से वे घर पर ही है.

अब उनके इनकम का एक ही साधन था, सड़क के किनारे बैठ कर वेट मशीन के सहारे घर चलाना जो बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है. आय का साधन नहीं है, घर नही है, ना ही घर का कोई विशेष समान. बच्चे पढ़ते तो हैं पर पढ़ाई की कोई खास व्यवस्था नहीं है. कई लोगों ने उनकी सहायता की वे किसी तरह ऐसे जीवन से बाहर निकल सके पर सही रूप मे अब जाकर वे इससे बाहर निकल रहे है.संस्था” कुछ फर्ज हमारा भी” के. FHB व API इस्पात एंड पावर टेक लिमिटेड दोनो आगे आए अब परिवार के लिए घर के सभी आवश्यक सामान जैसे अलमारी, पलंग, कम्बल, चादर, तकिया, बर्तन, मोबाइल फोन, कपड़े व अन्य जरूरती सामान उपलब्ध कराया. इशके साथ ही रोजगार के लिए हाथ ठेला व ठेले के लिए डेली नीड्स का पूरा समान दिया. ताकी वे रोजगार के लिए आत्मनिर्भर हो सकें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here