10 लाख रुपये में सुपारी लेने वाले पांचों शूटर और पिस्टल का सप्लायर पकड़ से बाहर

बिलासपुर। जमीन दलाल हिस्ट्री शीटर संजू त्रिपाठी की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में उसके पिता पूर्व पार्षद जयनारायण त्रिपाठी, मुख्य आरोपी छोटे भाई कपिल त्रिपाठी और उसकी पत्नी सहित 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कपिल को यूपी पुलिस की मदद से लखनऊ की टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया। बाकी फरार स्थानीय आरोपी दिल्ली से पकड़े गए। यूपी से पेशेवर गैंग के पांच शूटर 10 लाख रुपये में हत्या के लिए बुलाए गए थे। इनमें से अभी कोई भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। हत्या के पीछे कारण मृतक का अपने पिता और भाई से चल रहा जमीन विवाद, मारपीट, दुर्व्यवहार और दत्तक पुत्री के साथ अवैध संबंध होना सामने आया है।  

14 दिसंबर की शाम करीब 4.15 बजे सकरी में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर संजू उर्फ संजीव उर्फ प्राणनाथ त्रिपाठी (45 वर्ष) की तब हत्या कर दी गई थी, जब वह सांवाताल ग्राम के अपने फॉर्म हाउस से कार में बिलासपुर की ओर आ रहा था। मृतक संजू की पत्नी ने अपने बयान में बताया कि उसके पति का अपने पिता और भाई से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। हो सकता है उन लोगों ने ही हत्या कराई है। पुलिस ने उसी दिशा में जांच शुरू की।

पुलिस ने बताया कि संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश एक माह से रची गई थी। घटना के एक माह पहले से यूपी से सुपारी किलर बुला लिए गए थे, जो शैलेंद्र नगर, अमेरी स्थित कपिल त्रिपाठी के मकान में रुके हुए थे। घटनास्थल से 10 कारतूस के खाली खोखे और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। साइबर सेल ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए करीब 20 लाख मोबाइल फोन नंबरों का विश्लेषण किया, 100 से ज्यादा मोबाइल फोन टावर्स की काल डेटा का अध्ययन किया। पांच राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ के 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन किया गया। साथ ही 50 से अधिक टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई। मृतक को कुल 10 गोलियां लगी थीं, जिनमें से कुछ शरीर पर ही फंसी रह गई थी, उन्हें अस्थि संचय के दौरान जब्त किया गया।

एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि मृतक का पिता जय नारायण त्रिपाठी (73 वर्ष) संजू त्रिपाठी के साथ विवाद होते रहने के चलते ही कुदुदंड बिलासपुर से भिलाई जाकर रहने लगा था। मई माह में मुख्य साजिशकर्ता कपिल ऊपर संजू  ने फरसे से जानलेवा हमला किया था, पर वह अपने खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा हटवाने में सफल हो गया। वह जल्दी ही जमानत पर छूट गया। तब से कपिल त्रिपाठी और जयनारायण ने हत्या की योजना बना ली थी। त्रिपाठी से जब्त मोबाइल फोन में बाप-बेटे के बीच होने वाली हत्या की योजना पर बातचीत रिकॉर्ड है। सबसे पहले पुलिस ने जयनारायण को ही पकड़ा। संजू त्रिपाठी की पत्नी के बयान के बाद वह संदेह के घेरे में आ ही गया था। उसके फोन की ऑडियो रिकॉर्डिंग से हत्या में उसकी भूमिका स्पष्ट हो गई। पुलिस ने कपिल त्रिपाठी की पत्नी से भी पूछताछ शुरू की।

मास्टर माइंड कपिल त्रिपाठी (38 वर्ष) के साथ मृतक ने कुदुदंड के मकान में पैतृक संपत्ति के विवाद मेंकई बार मारपीट की थी। वह अपने पिता से भी मारपीट कर चुका था। छानबीन के दौरान पुलिस को मालूम हुआ कि जय नारायण ने एक युवती को अपना दत्तक पुत्री बनाकर रखा था। शनिचरी बाजार में जय नारायण का जो मकान था उसे वह इस महिला को देना चाहता था, जिसे संजू अपने नाम पर करने के लिए दबाव बना रहा था। संजू और जय नारायण दोनों का दत्तक पुत्री के साथ अवैध संबध था। संजू के दुर्व्यवहार व पारिवारिक संपत्ति के विवाद के चलते सभी त्रस्त थे और संजू को इसी के चलते मार डालने की योजना बनाई गई। हत्या के बाद छिपने के लिए कपिल जम्मू-कश्मीर, नेपाल और दिल्ली का रैकी कर चुका था। पहले भी वह शूटर बुलाकर वह संजू की हत्या का प्लान बना चुका था लेकिन सफल नहीं हुआ। इस बार उसने शूटरों को शहर के बाहरी इलाके में स्थित अपने मकान के पिछले हिस्से में रुकवाया। स्थानीय स्तर पर उसने अपने दोस्तों दत्तक पुत्री के पति और उनके भांजे और भतीजों की मदद ली और सबसे कहा कि वारदात के पहले वह भाग जाएगा और यदि उन लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है तो वह बाहर रहकर जमानत करा लेगा। उसने प्लान के तहत बिना इस्तेमाल किए हुए पिस्टल, जो उसने शनिचरी स्थित मकान में रखा था। वह इसे पुलिस को जब्त कराना चाहता था ताकि दोषमुक्त हो जाए। गिरफ्तार घुरू अमेरी का सुमित निर्मलकर (24 वर्ष) मुख्य आरोपी कपिल का सहयोगी है। उसने घटना के बाद किराये की स्कॉर्पियो ली और भिलाई पहुंचा। इसी ने कपिल को फरार होने में सहयोग किया और खुद भी उसके साथ फरार हो गया। प्रेम श्रीवास  (30 वर्ष) ने उत्तरप्रदेश से पांच शूटरों को बुलाया। घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल को खरीदने में मदद भी इसी ने की। पुलिस ने कपिल त्रिपाठी की पत्नी सुतित्रा (36 वर्ष) को गिरफ्तार किया है जिसने भारत-नेपाल बार्डर पर स्थित अपने मायके उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कपिल और अन्य आरोपियों के छिपने की व्यवस्था कराई थी। भागते हुए कपिल दिल्ली पहुंचा था, वहां से वह पिथौरागढ़ के लिए बस से निकला था। इसी दौरान लखनऊ स्थित टोल प्लाजा में पुलिस चेकिंग के दौरान पकड़ लिया गया। जयनारायण त्रिपाठी की दत्तक पुत्री शनिचरी बाजार स्थित मकान की दावेदार थी, संजू त्रिपाठी इसका शारीरिक शोषण करता था। हत्या की साजिश में इसका भी नाम आया है। एक पिस्टल और एक देशी कट्टा इसके घर से पुलिस ने बरामद किया। मुंगेली नाका के अमन गुप्ता (23 वर्ष) को भी हत्या में मदद करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है। इसने अपनी कार देकर आरोपियों को भगाने में मदद की। अमन ने ही शूटरों को खबर की थी कि मृतक संजू त्रिपाठी का लोकेशन क्या है। वह आरोपियों को शहडोल छोड़ने के लिए भी गया था। दत्तक पुत्री का पति भरत तिवारी (42 वर्ष) भी इस षड़यंत्र में शामिल हो गया। उसे अपनी पत्नी के शारीरिक शोषण की जानकारी थी। भरत के साथ भी संजू मारपीट करता था। संजू त्रिपाठी की रैकी वह भी कर रहा था तथा घटना के बाद अन्य आरोपियों के साथ फरार हो गया था। भरत तिवारी के भतीजे आशीष तिवारी (29 वर्ष) व भांजे रवि तिवारी (32 वर्ष) को भी शूटरों को भगाने में मदद करने के आरोप में पकड़ा गया है। प्रेम श्रीवास के वाहन चालक राजेंद्र सिंह ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया है जो घटना के दिन प्रेम के साथ था और फरार हुआ था। पुलिस अब तक 5 अज्ञात शूटरों और झारखंड तथा रायगढ़ के हथियार के सप्लायरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। रायगढ़ के एक हथियार सप्लायर के साथ कपिल त्रिपाठी व प्रेम श्रीवास अंबिकापुर गए थे, जहां से दो लाख रुपये नगद देकर उन्होंने एक पिस्टल और 10 राउंड गोलियां खरीदी।

सभी आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 341, 34 व 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई है। सोमवार को सभी आरोपी कोर्ट में पेश किए गए हैं। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बेलेनो कार को कोटा रोड पर पोड़ी ग्राम के पास, स्कॉर्पियो को भिलाई से तथा एलेंद्रा कार को मुंगेली रोड से बरामद किया है। वारदात के दिन अमन गुप्ता ने अपनी एलेन्ट्रा कार में भरत तिवारी, आशीष तिवारी, रवि तिवारी व प्रेम श्रीवास को बिठाकर रैकी की और तखतपुर रोड की तरफ आगे बढ़े। कानन पेंडारी से एक किलोमीटर पहले संजू त्रिपाठी की महामंत्री, कांग्रेस कमेटी बिलासपुर लिखी सफेद कार दिखी तब मौके पर मौजूद एक शूटर को काल कर अमन ने इसकी जानकारी दी। जैसे ही कार सकरी के स्पीड ब्रेकर के पास घीमी हुई शूटरों ने गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी। शूटर नीली बेलेनो कार में थे। इसे पोड़ी में छोड़कर पांचों शूटर और प्रेम श्रीवास डिजायर कार में शहडोल की ओर भाग गए। इधर अमन गुप्ता ने एलेंड्रा कार में भरत, आशीष, रवि तिवारी और राजेंद्र ठाकुर को शहडोल की शराब भट्ठी के पास छोड़ा और बिलासपुर आ गया। दूसरी ओर सुमित निर्मलकर किराये की स्कॉर्पियो कार से भिलाई गया। कपिल त्रिपाठी लिफ्ट लेकर भिलाई पहुंचा, जहां सुमित उसका इंतजार कर रहा था। पुलिस ने सीसीटीवी और तकनीकी डेटा का विश्लेषण कर पता कर लिया कि दोनों भिलाई से गोंदिया होते हुए भोपाल पहुंचे हैं। दोनों ने एक टैक्सी ड्राइवर से लिफ्ट ली और बस से इंदौर पहुंचे। दिल्ली से नेपाल जाने वाली बस में बैठे। इसी दौरान नेपाल जाने के रास्ते पर लखनऊ स्थित टोल प्लाजा में चेकिंग के दौरान कपिल और सुमित को गिरफ्तार कर लिया गया। शहडोल भागने वाले आरोपी भरत, रवि, आशीष व राजेंद्र को दिल्ली में वहां की पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया। अमन को सिरगिट्टी बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली व उत्तरप्रदेश की पुलिस के साथ भोपाल के टैक्सी ड्राइवर, दिल्ली के कैब ड्राइवर और बस ड्राइवर भी मददगार रहे।

मालूम हो कि मृतक संजू त्रिपाठी की तरह उसकी हत्या के मुख्य आरोपी कपिल के विरुद्ध भी हत्या, हत्या के प्रयास, लूटपाट, एट्रोसिटी एक्ट आदि गंभीर केस बिलासपुर और अनूपपुर में दर्ज हैं। कई मामलों में संजू त्रिपाठी और कपिल साथ-साथ अभियुक्त हैं। इनमें अनूपपुर में हत्या करके लाश को जला देने का मामला भी शामिल है। इसी तरह जय नारायण त्रिपाठी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज हैं।

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