बिलासपुर। राज्य सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना को रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने हाल ही में ली गई मुख्य परीक्षा के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है और न्यायालय को आश्वस्त किया है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार साक्षात्कार के लिए नई चयन सूची जारी की जाएगी।

ज्ञात हो कि पिछले 20 सितंबर से शुरू की गई चयन की प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की सूची राज्य सरकार के पूर्व की अधिसूचना के आधार पर तैयार की गई थी, जिसमें आरक्षण का प्रतिशत 58 था। इसी के आधार पर अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए बुलाए गए थे। हाईकोर्ट में बिलासपुर के अभ्यर्थी सत्येंद्र सिंह ने इस प्रक्रिया को अधिवक्ता अभ्युदय सिंह के माध्यम से चुनौती दी। इसमें कहा गया कि आयोग पुरानी अधिसूचना के आधार पर चयन की प्रक्रिया कर रहा है, जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवैधानिक है।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में आयोग की ओर से जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच को बताया गया आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमने शासन से 23 सितंबर को दिशा निर्देश मांगा था जो अभी नहीं मिला है। आयोग हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करेगा। बेंच ने आयोग से पूछा कि वर्तमान में जो इंटरव्यू की प्रक्रिया निर्धारित की गई है उसको लेकर क्या स्थिति होगी। इस पर आयोग ने हाई कोर्ट को जवाब दिया है इस साक्षात्कार की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से निलंबित की जा रही है। इसके अलावा आयोग ने  यह भी आश्वस्त किया है कि एक नई चयन सूची जारी की जाएगी जिसमें हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का पालन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सीजीपीएससी ने विभिन्न विभागों के 171 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के नतीजे आने के बाद 20 सितंबर से साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस प्रक्रिया को चुनौती दिए जाने के पूर्व ही आयोग की ओर से एक केविएट दायर कर दिया गया था जिसमें याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई निर्णय देने से पहले अपना पक्ष सुनने का अवसर देने की मांग की थी।

आयोग के इस जवाब के बाद अब साक्षात्कार के लिए भी बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों की सूची ने परिवर्तन होगा और आरक्षण प्रतिशत बढ़ने के कारण वंचित कई सामान्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में मौका मिलेगा।

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