बिलासपुर। नसबंदी कांड में बर्खास्त दो डॉक्टरों की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।‌ कोर्ट ने कहा है कि दोनों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती।
ज्ञात हो कि बिलासपुर के पास सकरी स्थित एक निजी चिकित्सालय नेमीचंद जैन हॉस्पिटल में 8 नवंबर 2014 को नसबंदी शिविर रखा गया था। इस दौरान 84 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था जिनमें से 13 की मृत्यु हो गई थी। उसे दौरान ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉक्टर आरके गुप्ता तथा बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के भांगे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। राज्य सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ दोनों डॉक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने डॉक्टरों की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दोनों पेशेवर चिकित्सा में हैं तथा अनुभवी डाक्टर हैं। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह ऑपरेशन थिएटर व उपकरणों की निगरानी, चिकित्सा और दवा की व्यवस्था पर समुचित निगरानी रखें। डॉक्टरों ने अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती है इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती।

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