बिलासपुर। राजद्रोह के आरोपी और निलम्बित सीनियर आईपीएस जीपी सिंह की याचिका पर आज सुनवाई के बाद उन्हें हाईकोर्ट से तत्काल कोई राहत नहीं मिली। राज्य सरकार से कोर्ट ने इस मामले में केस डायरी व लिखित जवाब प्रस्तुत करने कहा है। अगली सुनवाई मंगलवार को तय की गई है।

निलंबित आईपीएस और पूर्व एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ एसीबी, ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की है तथा पुलिस ने राजद्रोह का आरोप दर्ज किया है। याचिकाकर्ता जीपी सिंह ने इस पूरी कार्रवाई को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग करते हुए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर राज्य पुलिस पर आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने की दरख्वास्त की थी। याचिका में यह भी मांग की गई है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई अथवा किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाये।

जीपी सिंह की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने बताया कि विगत 1 जुलाई से 6 जुलाई तक छापामारी कर एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा एसीबी के पूर्व प्रमुख और एडीजी जीपी सिंह से उनके व उनके करीबियों के 15 ठिकानों से 10 करोड़ से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति मिलने का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13-1 और 13-2 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एसीबी की कार्रवाई के बाद पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ रायपुर की सिटी कोतवाली में राजद्रोह की धारा 124 और 153 के तहत एफआईआर दर्ज की। याचिकाकर्ता सिंह ने इस मामले को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी है। एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने बताया कि कोर्ट में कहा गया  कि बदले की भावना से कार्रवाई की गई है और पुलिस ने अपने क्षेत्राधिकार से आगे जाकर उन पर कार्रवाई की है।

हाईकोर्ट में गुरुवार को जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकल पीठ के समक्ष दोनों मामलों की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने पूरे मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है और केस डायरी तलब की है। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

ज्ञात हो कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से भी एक कैवियेट 9 जुलाई को दायर की गई थी, जिसमें मांग है कि जीपी सिंह की याचिका पर कोई भी निर्देश देने से पूर्व कोर्ट सरकार का पक्ष भी सुने।

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