बिलासपुर। जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर एक गोंड आदिवासी का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। अब सरपंच की शह पर उसका 50 साल पुराना मकान तुड़वाने की तैयारी है। उसने तालाब में मछली चुराने वाले तीन लोगों के ख़िलाफ शिकायत की थी, जिसके चलते उस पर कहर टूट पड़ा है।


पैंतालिस साल का राधेश्याम आज कलेक्टोरेट जन-दर्शन में अपने परिवार के साथ पहुंचा था। उसने बताया कि बीते वर्ष उसे गांव के तालाब में मछलीपालन के लिए ठेका मिला था। उसने एक दिन तीन लोगों को मछली चोरी करते हुए पकड़ लिया। पंचायत ने उन तीनों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना किया। मगर यह दिखावे के लिये था। जब इन लोगों ने जुर्माना नहीं पटाया तो राधेश्याम शिकायत लेकर गया। सरपंच कुमारी बाई ने बताया कि जब तुम गांव की जमीन का अवैध कब्जा छोड़ोगे, तब जुर्माना पटाया जायेगा। जुर्माने की बात राधेश्याम भूल गया। उसे अपने जमीन की चिंता सताने लगी, जिस पर उसका परिवार बीते 50 साल से, जैसा कि वह दावा कर रहा है, मकान बनाकर रहता है। सरपंच ने इस जगह को आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए प्रस्तावित कर दिया। उसे इस जगह को छोड़ने का फरमान दिया गया ताकि वहां निर्माण कार्य शुरू कराया जा सके। राधेश्याम का कहना है कि पांच साल पहले आंगनबाड़ी के लिए पंचायत ने दूसरी जगह तय कर रखी थी, जिस पर शुरुआती निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका था। जैसे मैं सरकारी जमीन पर मकान बनाकर रहता हूं, वैसे ही और भी कई गांव के लोग रहते हैं। फिर भी मेरे मकान को तोड़ने के लिए गांव के लोग उतारू हैं। सरपंच के कहने पर मुझे गांव वालों ने किसी भी सुविधा से वंचित कर दिया है। राशन-पानी नहीं मिलता, कोई भी बात नहीं करता।

राधेश्याम ने बताया कि उसने इस बात की शिकायत पहले तहसीलदार और एसडीएम साहब से की थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिये परिवार के साथ जनदर्शन में कलेक्टर के पास पहुंचा है।

 

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