बिलासपुर। एचआईवी पीड़ित बच्चियों को अमेरी स्थित आश्रय घर से बलपूर्वक निकालकर ले जाने, संस्था के संचालकों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आज राज्य शासन ने हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शासन ने इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिये कहा है।

अमेरी स्थित शेल्टर होम अपना घर के चेयरमैन प्रवीण खट्टर की ओर से दायर पिटीशन में कहा गया है कि बीते 17 अगस्त को एचआईवी पीड़ित बच्चियों को बाल संरक्षण समिति, महिला बाल विकास विभाग और बिलासपुर पुलिस की टीम बलपूर्वक निकालकर ले लग गई थी। इस दौरान बच्चियों से और शेल्टर होम के संचालक तथा कर्मचारियों से दुर्व्यवहार किया गया। गैर कानूनी तरीके से ले जाये जाने को लेकर पूछताछ करने पर संस्था की अधिवक्ता के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। संस्था से जिन बच्चियों को जबरन ले जाया गया है वे सरकारी संरक्षण में प्रताड़ित होने और दवा, भोजन, शिक्षा की ठीक व्यवस्था नहीं होने के कारण वापस आना चाहती हैं। उनकी संस्था अभी भी अस्तित्व में है और बच्चियों के संरक्षण के लिये सभी प्रावधानों, नियमों का पालन करती रही है। इस प्रकार की बलपूर्वक कार्रवाई करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाये और बच्चियों को वापस संस्था के सुपुर्द किया जाये।

हाईकोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद शासन को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिये कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।

मानवाधिकार आयोग ने भी मांगा जवाब

उपरोक्त मामले में महिला बाल विकास अधिकारी, पुलिस अधिकारी व बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी शिकायत की गई थी। इसे लेकर आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

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