बिलासपुर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर बिलासपुर से हवाई सेवा शीघ्र शुरू करने के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि बिलासपुर जैसे शहरों के हवाईअड्डों को विकसित करने के उद्देश्य से रियायत में लगाई गई 600 किलोमीटर की बंदिश को हटाया जाये।

पत्र में कौशिक ने कहा है कि उड़ान योजना के प्रथम तीन चरण में किसी भी दूरी के उड़ान के लिये इच्छुक विमान कम्पनी को वीजीएफ फंडिंग दी जाती थी। इसका लाभ देशभर के ऐसे हवाईअड्डों को मिला जो महानगरों से सीधी उड़ान चाहते थे। हाल ही में 8 नवंबर को दरभंगा (बिहार) से दिल्ली, मुम्बई और बेंगलूरु की उड़ान वीजीएफ लाभ के साथ प्रारंभ हुई है जबकि दरभंगा से इन महानगरों की दूरी 1 हजार से 2 हजार किलोमीटर तक है। 2019 में उड़ान योजना का चौथा चरण लागू करते समय वीजीएफ के लिये 600 किलोमीटर अधिकतम का बंधन लगा दिया गया है, इस कारण बिलासपुर जैसे हवाईअड्डे बहुत नुकसान में चले गये हैं। यहां से कोलकाता 622, हैदराबाद 655 और दिल्ली 905 किलोमीटर है। कोई भी विमान कम्पनी बिना वीजीएफ के इन मार्गों पर उड़ान नहीं भरना चाहेंगीं। यही कारण है कि उड़ान 4.0 में बिलासपुर से किसी भी महानगर या अन्य मार्गों के लिये जो 600 किमी से लम्बा है उनके लिये टेंडर नहीं डाला गया। अतएव अनुरोध है कि 600 किमी की बंदिश हटा ली जाये या बिलासपुर को प्राथमिकता हवाईअड्डे का दर्जा देकर यहां से देश के विभिन्न महानगरों की उड़ान के लिये वीजीएफ फंडिंग उपलब्ध कराई जाये।

कौशिक ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ तुलनात्मक रूप से नया राज्य है और उत्तर छत्तीसगढ़ से महानगरों के लिये बड़ी संख्या में एयर पैसेंजर उपलब्ध हैं। इस वजह से बिलासपुर से दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद आदि महानगरों तक सीधी उड़ान मंजूर किये जाने की आवश्यकता है।

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