बिलासपुर। नियमों की अवहेलना कर डिप्टी कमिश्नर को पदोन्नति से वंचित करने के मामले में हाईकोर्ट ने कमिश्नर को चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल दुर्ग में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर आरके राठौर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर कर हाईकोर्ट में बताया कि हाउसिंग बोर्ड विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक 31 मार्च 2023 को हुई थी, जिसमें वरिष्ठता और अनुभव के बावजूद पदोन्नति के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। इस पर उन्होंने कमिश्नर के समक्ष अभ्यावेदन दिया लेकिन उस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
शासन की ओर से जवाब दिया गया कि अभ्यावेदन पर कानून के मुताबिक विचार किया जाएगा। इस पर जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह विभाग में संपूर्ण दस्तावेजों के साथ अभ्यावेदन प्रस्तुत करे। साथ ही कमिश्नर को आदेश दिया कि वे इस पर चार सप्ताह के भीतर विचार करे। याचिका को निराकृत करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि निराकरण न होने की स्थिति में वह कोर्ट में रिट याचिका दायर कर सकता है।

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