बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के 7 अधिकारियों को आईएएस अवार्ड देने के विरुद्ध फिर से डीपीसी की बैठक रखने का आदेश दिया गया था।

वर्ष 2003 में आयोजित छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर पद पर तूलिका प्रजापति, फरिहा आलम सिद्दीकी, चंदन त्रिपाठी, जयश्री जैन, प्रियंका महोबिया, रोक्तिमा यादव व दीपक अग्रवाल का चयन किया गया था। इन्हें वर्ष 2020 में आईएएस अवार्ड दिया गया। इस चयन को हिना नेताम ने कैट में चुनौती दी थी। कैट ने  इन पदों के लिए फिर से डीपीसी की बैठक करने का आदेश छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को दिया था।
कैट के इस आदेश को इन सातों अफसरों ने एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव एवं सौरभ साहू के माध्यम से हाईकोर्ट ने चुनौती दी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उक्त आदेश जारी करने से पहले याचिकाकर्ताओं का पक्ष नहीं सुना है। उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बिना ही एक तरफा नई डीसीपी डीपीसी का आदेश जारी किया गया, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।
मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रसाद मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने कैट के आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।

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