जस्टिस भादुड़ी ने प्रदेश के जिला, तहसीलों के न्यायाधीशों की ली वर्चुअल बैठक

बिलासपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने प्रदेश के न्यायाधीशों से कहा है कि 9 सितम्बर 2023 को होने वाले नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों को चिन्हांकित कर उनका निराकरण सुनिश्चित करने, विशेष रूप से पुराने एवं लम्बे समय से लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों को विशेष प्रयास कर निराकृत करें।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई इस बैठक में जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि पिछली लोक अदालत में निराकृत हुए प्रकरणों की तुलना में आगामी लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाए। बैठक में जिला न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश, सीजेएम, लेबर कोर्ट जज, स्थायी लोक अदालत के न्यायाधीश शामिल हुए।
नेशनल लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नालसा के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में 9 सितंबर को होगी। सभी जिलों के न्यायिक अधिकारियों से चर्चा करते हुए जस्टिस भादुड़ी ने आगामी नेशनल लोक अदालत की मुनादी कराने, पैरालीगल वॉलिंटियर्स की सेवाएं लेने, मोबाईल वैन, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी इत्यादि के माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करने, बैंक, बीमा एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की बैठक लेने तथा भूमि-अधिग्रहण एवं राजस्व से संबंधित मामलों का भी ज्यादा से ज्यादा निराकरण करने का निर्देश दिया। स्थायी लोक अदालत के चैयरमेन को अपने न्यायालय में लंबित जनोपयोगी मामलों एवं मोहल्ला लोक अदालत के माध्यम से स्थल पर ही मामलों का त्वरित निराकृत करने का निर्देश दिया गया। इसी प्रकार फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीशों को भी अधिक से अधिक वैवाहिक मामलों को चिन्हांकित कर लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करने का निर्देश दिया गया।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के द्वारा वर्ष 2023 हेतु निर्धारित कैलेण्डर एवं दिए गए दिशा-निर्देश अनुसार सभी स्तरों के न्यायालयों में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन के राजीनामा योग्य मामलों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जाना है। वर्ष 2023 में प्रथम नेशनल लोक अदालत 11 फरवरी को लगी थी, जिसमें 39 हजार 62 लंबित मामलों तथा 2 लाख 72 हजार 545 प्री-लिटिगेशन के मामले सुलझे थे। विगत 13 मई को आयोजित द्वितीय नेशनल लोक अदालत में 39 हजार 123 लंबित एवं 3 लाख 55 हजार 450 प्री-लिटिगेशन के मामले निराकृत किए गए।
नालसा के निर्देशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन कोर्ट की परिभाषा में आने वाले सभी न्यायालयों यथा उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, फैमिली कोर्ट, फोरम, ट्रिब्यूनल के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किए जाते हैं।

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