जेड प्लस की सुरक्षा, बेबस नेताओं को सलाम-दुआ का मौका ही नहीं मिला, कुछ को करनी पड़ी जबरदस्ती

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ भवन में उस समय बिफर गये जब दरदर्शन में फरियादी टूट पड़े थे और कलेक्टर तथा एस पी उनके आसपास नज़र नहीं आए। उनके गुस्से का शिकार अधीनस्थ अधिकारी हुए। मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे दर्जनों कार्यकर्ता उनके जेड प्लस सुरक्षा के चलते भी निराश हुए और एक बार तो  पुलिस जवानों के साथ कांग्रेसियों की झूमा-झटकी होते-होते बची।

मुख्यमंत्री के आज बिलासपुर प्रवास के दौरान कई कार्यक्रम रखे गए थे। उनका सबसे पहला समय लोगों से मिलने-जुलने के लिए छत्तीसगढ़ भवन में आरक्षित किया गया था। दोपहर भोजन के बाद जब वे मुलाक़ातियों के लिए बनाये गए पांडाल पर पहुंचे तो लोगों में अपना ज्ञापन, आवेदन देने की होड़ लग गई। बघेल एक फरियादी को 25-30 सेकेन्ड का ही समय दे पा रहे थे। संभवतः मुख्यमंत्री को आभास नहीं था कि इतनी अधिक संख्या में लोग उनसे फरियाद करने के लिए पहुंचने वाले हैं। जब लगातार लोगों से वे आवेदन लेकर मिलने लगे तो कुछ आवेदन ऐसे भी मिले जिनका समाधान स्थानीय स्तर पर जिला और ब्लॉक के अधिकारी कर सकते थे। मरवाही के एक फरियादी  ने अपनी समस्या बताते हुए आवेदन दिया। मुख्यमंत्री ने पीछे मुड़कर देखा। अगल-बगल में सेक्यूरिटी वाले और कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव तथा विजय केशरवानी ही दिखे। मुख्यमंत्री ने पीछे मुड़कर पूछा, कलेक्टर कहां हैं, एस पी कहां हैं। दोनों ही अधिकारी मंच से नदारत थे। मौजूद थे एडिशनल कलेक्टर बीएस उइके और एसडीएम कीर्तिमान राठौर। बघेल का गुस्सा उन पर ही फूटा। उन्होंने कहा- आप लोग इनकी समस्या सुलझाते नहीं हैं, इसलिए इन्हें मुझ तक पहुंचना पड़ा। बघेल की फटकार के बाद सहमे अधिकारियों ने हलचल शुरू की और आवेदनों को खुद लेकर समेटना शुरू किया। इसके कुछ देर बाद मिलने-जुलने वालों की कतार छोटी पड़ी और बघेल अगले कार्यक्रम के लिए निकल गए।

मालूम हुआ है कि कलेक्टर डॉ. संजय अलंग और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल छत्तीसगढ़ भवन में ही थे किन्तु जिस समय यह वाकया  हुआ,  वे मंच पर उपस्थित नहीं थे।

गौरतलब है कि हाल ही में अनेक आईएएस अधिकारियों का तबादला हुआ है, जिनमें कलेक्टर भी शामिल हैं। बिलासपुर कलेक्टर को लेकर भी चर्चा रही किन्तु सूची में उनका नाम नहीं था। शहर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल की यहां पर नियुक्ति पिछले हफ़्ते ही हुई है।

छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे रतनपुर के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। अधिकांश अधिकारी अब भी भाजपा सरकार के रंग में रंगे हुए हैं। जब अफ़सरों को मालूम था कि इतनी भीड़ पहुंची है तो मुख्यमंत्री के जन दर्शन में पहुंचने से पहले ही उन्हें फरियादियों से मुलाकात कर शिकायतों पर ठोस आश्वासन दे देना चाहिये था और जिला स्तर पर सुलझने वाली समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचने नहीं देना था।

जेड प्लस सुरक्षा से मायूस हुए कांग्रेस कार्यकर्ता, हंगामा भी

मुख्यमंत्री को मिली जेड प्लस सुरक्षा के बाद उनका यह पहला बिलासपुर प्रवास था। इसके चलते छत्तीसगढ़ भवन में प्रवेश से लेकर उनसे मुलाकात करने के लिए कांग्रेस के वे कार्यकर्ता और पदाधिकारी तरस गये, जिन्होंने कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की। मुख्यमंत्री तक पहुंचने में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव विधायक गण और कुछ अन्य करीबी कांग्रेस नेता ही सफल हो पाये। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा, अर्जुन तिवारी, नीरज जायसवाल, त्रिलोक श्रीवास, बेलतरा प्रत्याशी रहे राजेन्द्र साहू जैसे दर्जनों कार्यकर्ता उन तक पहुंच पाने में सफल नहीं हुए।

छत्तीसगढ़ भवन में उस वक़्त हंगामा हो गया जब कुछ पार्षद और वरिष्ठ कांग्रेस जन मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके कमरे की तरफ़ बढ़े। पार्षद नजीरुद्दीन और कई दूसरे कार्यकर्ताओं को पुलिस जवानों ने भीतर घुसने से रोक दिया। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। विधायक रश्मि सिंह की कोशिश के बाद वे भीतर घुस पाये।

 

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