दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग, कुछ दिन पहले बच्चियों को अपना घर से निकाला था प्रशासन ने

बिलासपुर। एचआईवी पीड़ित एक नाबालिग की बड़ी बहन ने बाल संरक्षण आयोग तथा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मारपीट व प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपनी बहन को सुपुर्द करने की मांग की है।

बिलासपुर के समीप अमेरी में संचालित अपना घर से 17 अगस्त को निकाली गई एक 17 वर्षीय एचआईवी संक्रमित बालिका की विवाहित बड़ी बहन ने बताया है कि जब उसे मालूम हुआ कि अपना घर से बच्चियों को जबरन निकाला गया है और उनके साथ मारपीट की गई है तो अपनी बहन का हालचाल जानने के लिये वह 22 अगस्त को सरकंडा स्थित बालिका गृह पहुंची। वहां बहन से नहीं मिलने दिया गया और बाल संरक्षण आयोग के पास जाने के लिये कहा गया। वहां मौजूद पार्वती नाम की अधिकारी ने उसे दुत्कारा और कहा कि वहां तुमने अपनी जवान होती बेटी को क्यों छोड़ा वहां धर्म परिवर्तन का काम होता है तथा और भी गंदे काम होते हैं। महिला ने उसे दुत्कारते हुए भगा दिया। दुबारा वह बालिका गृह आकर किसी तरह से प्रार्थना कर अपनी बहन से मुलाकात कर सकी। उसे गेट पर दो तीन मिनट ही मिलने दिया। जब उसकी बात मां से कराना चाहा तो बालिका गृह में मौजूद महिला ने मोबाइल छीन लिया और काफी देर बाद वापस किया।

शिकायतकर्ता महिला ने लिखा है कि वह और उसकी मां स्वयं भी एचआईवी संक्रमित हैं। वह ससुराल से प्रताड़ित हैं इसलिये वापस मां के पास आकर रहती है। अपना घर के बारे में जानकर वहां गई थी। वहां बच्चियों को देख-समझकर वहां का माहौल अच्छा देखकर पढ़ाई कराने के लिये छोड़ा था। बच्चियों की मर्जी के बगैर और हमे जानकारी दिये बिना उसे वहां से जबरन निकाल लिया गया और बालिका गृह में उन्हें अपराधियों की तरह कमरे में बंद करके रखा जा रहा है। वहां का माहौल जेल जैसा है। ऐसी स्थिति में उसके साथ कुछ अनहोनी होती है और इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

शिकायतकर्ता महिला ने अपनी बहन के साथ मारपीट व बालिका गृह में प्रताड़ित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा बहन को अपने सुपुर्द करने की मांग की है।

 

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