प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने कहा-लीक हुई तो विशेषाधिकार हनन होगा

बिलासपुर। झीरम घाटी जांच आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने के मुद्दे पर उठे विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोग में पैरवी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट तुरंत मुख्य सचिव के पास भेज दी जानी चाहिए।

श्रीवास्तव ने कहा कि यदि किसी वजह से जांच आयोग की ओर से यह रिपोर्ट राज्यपाल को दे भी दे गई हो तब भी इस पर उनको किसी तरह का अध्ययन करने या निर्णय लेने का प्रावधान नहीं है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव के माध्यम से मंत्रिमंडल को जाएगी। यदि इस रिपोर्ट का कोई भी अंश लीक होता है तो यह विधानसभा का विशेषाधिकार हनन माना जाएगा। मंत्रिमंडल ही इस रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करने के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार रखता है।

श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि वे रिपोर्ट में दर्ज तथ्यों और आयोग की मंशा पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं। आयोग ने यह रिपोर्ट राज्यपाल को क्यों दी, इसका भी कोई जवाब उनके पास नहीं है।

श्रीवास्तव ने आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी जाने के बारे में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे गलत संदर्भ दे रहे हैं। वे जिसका उल्लेख कर रहे हैं वह भ्रष्टाचार का एक मामला था जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ ही जांच की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें व्यवस्था दी थी कि आयोग की रिपोर्ट राष्ट्रपति और राज्यपाल के पास जमा की जाएगी। झीरम घाटी जांच आयोग गठित करने का निर्णय राज्य सरकार का था और मंत्रिमंडल तथा विधानसभा को ही इस पर विचार किया जाना है।

ज्ञात हो कि अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि जब किसी मंत्री का रिपोर्ट में उल्लेख होता है तो आयोग उसे राज्यपाल को प्रस्तुत करता है। यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है।

 

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