बिलासपुर। मेड़पार बाजार में हुई 47 गायों की मौत की रिपोर्ट जिला प्रशासन की जांच समिति ने कलेक्टर को सौंप दी है। इसमें बताया गया है कि अमोनिया गैस के कारण दम घुटने से इनकी मौत हुई है। इधर बिलासपुर नगर निगम के आदर्श गौठान में पिछले आठ दिनों के भीतर सात गायों की मौत को लेकर भी हड़कम्प मचा हुआ है।

तखतपुर तहसील के हिर्री थाने के अंतर्गत ग्राम मेड़पार में बीते 25 जुलाई को एक पुराने पंचायत भवन में कैद किये गये 60 गोवंश में से 47 की मौत हो गई थी, जिससे पूरा प्रशासन हिल गया था। कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर ने घटना की जांच के लिये अतिरिक्त कलेक्टर बी.एस. उइके की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। टीम में कोटा के एसडीएम आनंद रूप तिवारी, पशुपालन विभाग के संयुक्त संचालक आर के सोनवाने व कृषि उप संचालक शशांक शिंदे भी शामिल थे। टीम ने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से बयान दर्ज करने के बाद रिपोर्ट बनाई गई है, जिसमें बताया गया है कि ग्रामीणों ने फसलों को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिये आपसी सहमति से इन गायों को पुराने जर्जर भवन में बंद कर दिया था जहां से हवा नहीं निकल पाई। अधिक संख्या में मौजूद पशु जिनमें अधिकांश गायें थीं जिनके मल-मूत्र से अमोनिया गैस निकलने के चलते इनकी मौत हुई है। रिपोर्ट कलेक्टर डॉ. मित्तर को सौंपी गई है। उन्होंने कहा है कि जो भी व्यक्ति दोषी पाया जायेगा, उस पर कार्रवाई की जायेगी।

दूसरी ओर मोपका में नगर निगम द्वारा बनाये गये आदर्श गौठान में भी पिछले सात दिनों के भीतर आठ गायों की मौत हो गई। यह खबर आने के बाद चिकित्सकों की टीम को वहां पशुओं के उपचार के लिये भेजा गया है। इसे आदर्श गौठान का दर्जा दिया गया है। गोधन योजना का उद्घाटन इसी गौठान से पिछले दिनों किया गया था। यहां दो सौ से अधिक गाय और अन्य पशुओं को रखा गया है। ज्यादातर पशु वे हैं जो सड़कों पर घूमते मिले हैं। आयुक्त प्रभाकर पांडेय का कहना है कि यहां लाये जाने वाली गायें घायल व बीमार रहती हैं, इसलिये मौतें हो सकती है। उनके स्वास्थ्य की जांच के लिये चिकित्सकों को भेजा गया है।

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