नगर निगम ने पंजीयन देखे बिना ही दे दिया टेंडर, मेनका गांधी से भी हुई शिकायत

बिलासपुर। नसबंदी करने के लिए आवारा कुत्तों के साथ अमानवीय बर्ताव करने के मामले में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एनजीओ उन्नति फाउंडेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की शिकायत पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से की गई थी। उन्होंने कार्रवाई के लिए बोर्ड को पत्र लिखा था।

मालूम हो कि शहर में आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराने के लिए नगर निगम ने एक टेंडर निकाला था। यह काम जयपुर के उन्नति फाउंडेशन को मिला। शर्तों के मुताबिक एक कुत्ते की नसबंदी के लिए उसे 900 रुपये मिलने थे और 2000 कुत्तों की नसबंदी की जानी थी। इस तरह से एनजीओ को कुल 18 लाख रुपये का काम मिला। एनजीओ ने नसबंदी के लिए बड़ी संख्या में कुत्तों को पकड़कर छोटे से पिंजरे में ठूंसा था। उनको भूखा प्यासा भी रखा गया। वहां गंदगी भी पसरी हुई थी। पशु प्रेमियों ने इसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नगर निगम के महापौर, आयुक्त और सांसद तथा पीपुल्स फॉर एनिमल्स की संचालक सांसद मेनका गांधी से की। उनका कहना था कि कुत्तों के साथ हो रहा बर्ताव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। ऐसा करने वालों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। मेनका गांधी ने शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेते हुए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को कार्रवाई के लिए लिखा। बोर्ड ने जांच की तो सामने आया कि उन्नति फाउंडेशन ने बोर्ड में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है। इसके बिना उसे पशुओं का इलाज या नसबंदी करने का अधिकार नहीं है। नगर-निगम ने भी नियमों के विपरीत जाकर फाउंडेशन को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। नगर निगम ने शिकायत पर अभी तक अपनी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की है।

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