बिलासपुर। विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण पढ़ाई और परीक्षायें ऑनलाइन हो रही थी, इसलिए जैसे ही परिस्थितियां सामान्य हुई और कक्षायें भौतिक रूप से प्रारंभ हुई तो गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग ने उद्योग-संस्थान संपर्क प्रकोष्ठ के साथ रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए पंडरिया स्थित लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल शक्कर कारखाना का भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कारखाने की क्षमता प्रतिदिन 2500 टन गन्ने से रस निकालने की है और छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि गन्ने को शक्कर में बदलने की क्षमता के पैमाने में यह कारखाना अभी तक के आंकड़ों के हिसाब से पूरे भारत में इस वर्ष प्रथम स्थान पर है।

इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित जैन एवं डॉ. संदीप धर्माधिकारी के मार्गदर्शन में कारखाने में गन्ने के प्रवेश से लेकर उसके शक्कर में बदलने की पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझा एवं इस प्रक्रिया में शामिल सभी उपकरणों की कार्य प्रणाली को जाना। शक्कर बनाने की जिस तकनीक को विद्यार्थियों ने अभी तक केवल किताबों में पढ़ा था उस प्रक्रिया को सामने देखकर सभी विद्यार्थी बहुत रोमांचित हुए। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने कारखाने में स्थित प्रयोगशाला का भी भ्रमण किया एवं शक्कर की गुणवत्ता से संबंधित होने वाली समस्त जांच के बारे में भी जाना। अन्य सभी विभागों में भी जाकर वहॉ की कार्यप्रणाली को समझा। पूरे भ्रमण के दौरान इस कारखाने के कर्मचारी एवं अधिकारी भी उपस्थित रहे जिन्होंने शक्कर बनने की प्रक्रिया से संबंधित विद्यार्थियों की सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

पूरी प्रक्रिया समझने के पश्चात् कारखाने के प्रबंध संचालक श्री सतीश पाटले ने सभी विद्यार्थियों से मुलाकात की एवं उनसे इस भ्रमण के अनुभव जाने। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से अपने इस कारखाने की उत्पादन क्षमता बढ़ाने एवं प्रक्रिया को सरल करने के उपाय पूछे तथा साथ ही कारखाने की क्षमता को और बढ़ाने के उपाय के बारे में पूछा। औद्योगिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को कारखाने में कुछ सुधार की गुंजाइश  महसूस हुई और इसके बारे में उन्होंने में प्रबंध संचालक महोदय को बतलाया एवं कुछ उपाय भी सुझाए। जिस पर प्रबंध संचालक महोदय ने तुरंत पहल कर सुधार करने का आश्वासन दिया और नई-नई उपयुक्त सलाह के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस औद्योगिक भ्रमण के सफलतापूर्वक आयोजन पर विश्वविद्यालय प्रशासन, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के संकायाध्यक्ष प्रो. टी.वी. अर्जुनन, रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार चंद्राकर एवं विभाग के समस्त शिक्षकों तथा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के उद्योग-संस्थान संपर्क प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. गणेश प्रसाद शुक्ला ने अभी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं एवं इस पहल का स्वागत किया है। सभी ने विद्यार्थियों से कहा है कि इस तरह के औद्योगिक भ्रमण हमेशा आयोजित होते रहेंगे।

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