50 मिलियन टन उत्पादन के साथ कुसमुंडा बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान

बिलासपुर। वित्तीय वर्ष 2023-24 एसईसीएल के लिए ऐतिहासिक नतीजे लेकर आया। कम्पनी ने 187 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जो कि स्थापना से किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर लगातार दूसरे वर्ष 20 मिलियन टन से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की।
गत वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने 180.5 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जिसमें सर्वाधिक 147.8 मिलियन टन कोयला देश के विद्युत संयंत्रों को भेजा गया। यह किसी एक वर्ष में कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर को दिया गया सर्वाधिक डिस्पैच है।
ओव्हर बर्डन रिमूवल (ओबीआर) में कम्पनी ने ऐतिहासिक परिणाम दिए व 22 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 323.2 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर निष्कासित किया।
50 मिलियन टन उत्पादन के साथ कुसमुंडा बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी खदान
एसईसीएल के रिकॉर्ड उत्पादन में मेगापरियोजनाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। एसईसीएल की कुसमुंडा खदान ने उत्पादन लक्ष्य भेदते हुए 50 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन हासिल किया और इसी के साथ यह गेवरा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान बनी। गेवरा ने लगातार दूसरे वर्ष 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन पार किया और खदान का कुल उत्पादन 59 मिलियन टन के पार हुआ। कम्पनी की तीसरी मेगा परियोजना दीपका ने भी पिछले वर्ष के वार्षिक उत्पादन को पीछे छोड़ते हुए 33.42 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया। इसके साथ ही कंपनी के रायगढ़ एवं सोहागपुर क्षेत्रों ने अपना लक्ष्य हासिल करते हुए क्रमशः 14.48 मिलियन टन एवं 6.03 मिलियन टन उत्पादन किया।
एसईसीएल का यूजी प्रोडक्शन 12 मिलियन टन रहा तथा इसमें लगातार दूसरे वर्ष वृद्धि दर्ज की गयी। विदित हो कि यूजी विजन के तहत कम्पनी ने कान्टिन्यूअस माईनर जैसे आधुनिक तकनीक के भूमिगत खदानों में नियोजन को प्रोत्साहित किया है जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
गेवरा बनेगी एशिया की सबसे बड़ी खदान, 70 मिलियन टन के लिए मिली पर्यावरणीय स्वीकृति
वित्तीय वर्ष 23-24 में एसईसीएल की गेवरा खदान के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ी जब खदान को 70 मिलियन टन उत्पादन क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिली। इसके साथ ही अब गेवरा का एशिया की सबसे बड़ी खदान बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
707 भू-स्वामियों को मिला रोजगार, समाज कल्याण के लिए सीएसआर योजनाओं की शुरुआत
एसईसीएल ने भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों में इस वर्ष कुल 707 भूविस्थापितों को रोजगार स्वीकृत किए जो कि पिछले एक दशक में सर्वाधिक है। एसईसीएल ने गत वित्तीय वर्ष में सीएसआर के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक कार्यों पर सीएसआर व्यय के लक्ष्य को हासिल किया। डीपीई दिशानिर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य एवं पोषण आहार पर 60% खर्च के लक्ष्य के मुकाबले एसईसीएल द्वारा सीएसआर व्यय का 70% इस क्षेत्र में खर्च किया गया। एसईसीएल द्वारा सीएसआर अंतर्गत “एसईसीएल के सुश्रुत” योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में स्थित कंपनी के संचालन क्षेत्रों के 30 बच्चों का चयन कर उनको निशुल्क आवासीय नीट-मेडिकल कोचिंग दी जा रही है।
अमृत फार्मेसी खुलने से किफ़ायती दरों पर दवाएं होंगी उपलब्ध
वर्ष 23-24 में एसईसीएल द्वारा अपने संचालन क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में अमृत फार्मेसी खोलने के लिए HLL Lifecare Limited के साथ समझौता किया गया। अमृत फार्मेसी के खुलने एसईसीएल कर्मियों के साथ-साथ आमजनों को भी किफ़ायती दरों पर सामान्य बीमारियों से लेकर कैंसर एवं हृदय आदि से संबन्धित गंभीर रोगों की दवा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
पर्यावरण संरक्षण में आगे रहा एसईसीएल, सोलर परियोजनाएं हुईं शुरू
इस वर्ष कम्पनी ने लक्ष्य 430 हेक्टेयर के मुक़ाबले 475 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में रिकार्ड 10.77 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जोकि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में सर्वाधिक रहा। इसके साथ ही वर्ष 23-24 में एसईसीएल के भटगांव क्षेत्र में 20 मेगावाट की ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर परियोजना से उत्पादन की शुरुआत हुई। वहीं एसईसीएल मुख्यालय एवं विभिन्न संचालन क्षेत्रों में 4,000 किलोवाट की रूफ-टॉप सोलर परियोजनाओं के लिए वर्क अवार्ड हुआ। कंपनी के विभिन्न संचालन क्षेत्रों में लगभग 15 इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रयोग में लाने की शुरुआत भी हुई। सतत धारणीय विकास अंतर्गत खदानों से निकले जल के सदुपयोग को प्रोत्साहित किया गया।
वर्ष 2023-24 में एसईसीएल द्वारा खदान से निकला लगभग 258 लाख किलो लीटर जल सिंचाई और लगभग 28.20 लाख किलो लीटर खान जल घरेलू उपयोग हेतु उपलब्ध कराया गया।
उत्पादन क्षमता का विस्तार, बंद खदान फिर हुई शुरू
वर्ष 2023-24 एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र अंतर्गत पेलमा ओपनकास्ट खदान को एमडीओ मोड में संचालन के लिए एसईसीएल एवं पेलमा कोलियरीज के बीच समझौता हुआ। कम्पनी की 8 परियोजनाओं में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए पर्यावरण स्वीकृति हासिल की गयी जिससे सालाना 19 मिलियन टन से अधिक उत्पादन क्षमता का विस्तार हुआ है। कम्पनी के बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत कई वर्षों से बंद अमेरा ओसीपी खदान को पुनः शुरू किया गया।
सरकारी खरीद में पारदर्शिता को बढ़ावा, जेम पोर्टल से रिकॉर्ड खरीद
एसईसीएल वित्त वर्ष 23-24 में जेम (GeM) पोर्टल से 52,000 करोड़ रुपए से अधिक की खरीद के साथ कोयला मंत्रालय अंतर्गत सभी कोल कंपनियों में अव्वल रही। अपने संचालन राज्यों छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश को कंपनी द्वारा 17,465 करोड़ रुपए का राजस्व प्रदान किया गया जिससे राज्यों में विकास योजनाओं को नयी ऊर्जा मिली। एसईसीएल द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभूतपूर्व प्रदर्शन के अवसर पर सीएमडी एसईसीएल डा. प्रेम सागर मिश्रा एवं निदेशक मण्डल द्वारा विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रम संघ प्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियो की उपस्थिति में केक काटकर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
कंपनी के प्रदर्शन में योगदान एवं सहयोग के लिए सीएमडी डॉ मिश्रा ने विभिन्न अंशधारक, शासन एवं उनकी विभिन्न एजेंसियों, कोलइण्डिया लिमिटेड, खान सुरक्षा महानिदेशालय, पर्यावरण विभाग, रेलवे, एसईसीएल बोर्ड आफ डायरेक्टर्स, एसईसीएल संचालन समिति, कल्याण मण्डल, सुरक्षा समिति समस्त काऊन्सिल व एसोसिएशन के पदाधिकारियों, अधिकारियों व कर्मचारियों आदि के प्रति आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया।

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