बिलासपुर। नारी शक्ति संस्था ने आज शाम चार बजे से डिजिटल सावन महोत्सव मनाया। प्रतिभागियों का चयन वीडियो कांफ्रेंस से किया गया| कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष सावन महोत्सव को ऑनलाइन रखा गया। इसमें छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

नारी शक्ति अध्यक्ष डॉ उषा किरण वाजपेयी ने सभी प्रतिभागी व अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कोरोना संकट को देखते हुए सामाजिक दूरी, कोविड-19 की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए हरे भरे परिधान श्रृंगार  में बहनों द्वारा प्रस्तुत कविता, गीत, नृत्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

कार्यक्रम में निर्णायक अतिथि क्रमशः डॉ. सत्यमामा अवस्थी ने करोना महामारी से बचने बनाई गई गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षित रहने कहा। अतिथि डॉ किरण वाजपेयी ने नारी शक्ति संस्था के जज्बे की सराहना की। उन्होंने स्वयं एक गीत बाबुल के अंगना जइयो, की प्रस्तुति दी। अतिथि डॉ वीणा पाणी दुबे ने कार्यक्रम की सराहना के साथ-साथ प्रत्येक बहनों से एक-एक पौधारोपण करने अनुग्रह किया।

डिजिटल सावन उत्सव कार्यक्रम को तीन भागों में विभाजित कर प्रस्तुत किया। प्रथम भाग में कविता पाठ किया जिसमें डॉ प्रीति प्रसाद ने सावन की पहली बारिश प्रस्तुत की। कवि रश्मि गुप्ता ने छत्तीसगढ़ी धक धक करे जिया मोर रचना पढ़ी।  डॉ शकुंतला जितपुरे ने आया मनभावन सावन झूम के, चंद्रकला त्रिवेदी ने चलो नोनी रिंगा रिंगा, अंतिमा पांडे ने जब बरसा सावन कविता की प्रस्तुति दी। द्वितीय भाग में मृदुला अवस्थी में बदरा छाए के झूले, वर्षा अवस्थी में बरसात में जब आएगा सावन का महीना, कामिनी पांडे ने गौरी के लाल को हमारा प्रणाम है, शुभांगी प्रीति गुप्ता ने रिमझिम रिमझिम रुमझुम रुमझुम भीगी भीगी रुत में, लीना वाजपेई भोपाल ने सावन की आई बहार मनवा झूम उठा, संध्या तिवारी ने झूले राधा प्यारी, उत्तर प्रदेश कानपुर की रेनू पांडे ने आया सावन बड़ा मनभावन, बसंती वर्मा छत्तीसगढ़ गीत सुघ्घर सावन बरसा पानी, नीता माहेश्वरी ने राजस्थानी गीत व किरण शुक्ला ने सावन का महीना पवन करे शोर गायन प्रस्तुत किया।

तृतीय भाग में चंद्र आर्य वाजपेई ने आजा नचले नचले मेरे यार तू नचले, सुलेखा दीक्षित ने सावन में मोरनी बनके मैं तो झूम झूम नाचे, प्रतिमा पांडे भोपाल में बरसो रे मेघा बरसो, रीना मिश्रा भोपाल में आई बागों में बहार झूले राधा प्यारी, वर्षा दीक्षित भोपाल में पंख होते तो उड़ आती रे पर अपनी सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी

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