बिलासपुर। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जूरिस्ट्स के चेयरमैन डॉ आदिश चंद्र अग्रवाला का कहना है कि जजों की नियुक्ति के मामले में न्यायपालिका अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रही है।
बिलासपुर प्रवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉ अग्रवाला ने कहा कि अदालतों में जितने जजों के पद मंजूर है, वे भी नहीं जा रहे हैं। कॉलेजियम इसे एक बार में भरते नहीं। नामों की सिफारिश करना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का काम है लेकिन वहां राजनीति है। पद खाली रखे जाते हैं। होना यह चाहिए कि जितने जजों की जरूरत है उनके नामों की सिफारिश एक बार में भेजी जाए। यह सिफारिश पद खाली होने से पहले कर देनी चाहिए लेकिन कभी ऐसा नहीं होता।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से ही हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनाए जाते हैं। एक बार में ही पद भर जाएंगे तो लंबित मामले कम होंगे। इसी तरह से निचली अदालतों में भी एक बार में पदों का विज्ञापन जारी कर भर दिया जाना चाहिए। इससे खर्च कम होगा। उन्होंने कहा कि सुनवाई की तिथि आगे नहीं बढ़ाने के लिए नियम बन चुका है। इसके बाद भी अधिवक्ताओं से प्रभावित होकर जज कई बार बड़े-बड़े मामलों की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा देते हैं। यह सब मामलों के पेंडिंग होने की वजह बनती है।
डॉ अग्रवाला ने कहा कि हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के 150 अंकल जजों की सूची दी थी लेकिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मान सकते हैं कि हाईकोर्ट जजों पर कार्रवाई नहीं हो सकती लेकिन वकीलों पर तो हो सकती है।

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