बिलासपुर। मरवाही वन मंडल में मनरेगा की राशि में 4.76 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में वन विभाग के 5 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। जीपीएस जिले के जिला पंचायत सीईओ और एसडीओपी पर कार्रवाई के लिए राज्य शासन से अनुशंसा की गई है।

ज्ञात हो कि 21 मार्च को विधानसभा में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा की राशि में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सस्पेंड करने की घोषणा की थी, जिस पर अब कार्रवाई हुई है। पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने रेंजर गोपाल प्रसाद जांगड़े को निलंबित कर बिलासपुर वन मंडल में अटैच किया है। सीसीएफ राजेश चंदेल ने डिप्टी रेंजर अंबरीश दुबे, अश्वनी कुमार दुबे, उदय तिवारी और अनूप कुमार मिश्रा को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। जिला पंचायत बिलासपुर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह ठाकुर और मरवाही वन मंडल के एसडीओ के पी डिंडोरे के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राज्य शासन को लिखा गया है।

इसके अलावा सात फॉरेस्ट गार्ड को भी सस्पेंड किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।

प्रकरण में तत्कालीन डीएफओ राकेश मिश्रा और प्रभारी रेंजर राजकुमार शर्मा की भूमिका भी पाई गई है, जो रिटायर हो चुके हैं। इनके विरूद्ध भी कार्रवाई के लिए लिखा गया है। सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

ज्ञात हो कि विधानसभा में स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने स्वयं इस मामले को संज्ञान में लिया था। भरतपुर सोनहत के विधायक गुलाब कमरो ने इस मामले को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया था।

ज्ञात हो कि 2 दिन पहले ही प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मरवाही वन मंडल के अंतर्गत कैंपा‌ मद में सन 2018 से लेकर अब तक कराए गए कार्यों के लिए एक जांच समिति बनाई है जिसमें मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर को अध्यक्ष बनाया गया है। समिति में मरवाही के भी अधिकारी रखे गए हैं जिससे इस जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं। मरवाही में भू जल संरक्षण, लेंटाना उन्मूलन, भवन और पुल पुलिया तथा सड़क निर्माण में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here