बिलासपुर। मिनी रत्न सार्वजनिक उपक्रम एसईसीएल में सुदृढ़ मानव संसाधन प्रणाली के कार्यान्वयन एवं कौशल विकास के जरिये कैरियर उन्नयन का उत्कृष्ट उदाहरण सामने आया है।

एसईसीएल में वर्ष 2018-19 में 199 जनरल मजदूर श्रेणी के कर्मचारियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर कोयला उत्पादन के विभिन्न तकनीकी कार्यों में नियुक्त किया गया। इनमें से 57 ड्रिल ऑपरेटर, 46 डोजर ऑपरेटर, 24 ग्रेडर ऑपरेटर, 39 पे-लोडर एवं 33 क्रेन ऑपरेटर हैं। ये सभी जनरल मजदूर श्रेणी के कर्मचारी अकुशल श्रमिकों की श्रेणियों में थे। कौशल विकास प्रशिक्षण उपरांत अब ये कोयला उत्पादन की मुख्य धारा में वाहनों एवं उपकरणों आदि पर कार्य कर रहे हैं। प्रशिक्षण उपरांत कुशल श्रेणी के कर्मचारी होने के उपरांत कोयला उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ इन्हें वित्तीय लाभ होगा। साथ ही सुव्यवस्थित कैडर स्कीम में प्रवेश पा लेने से भविष्य में इनके पदोन्नति की राह और अधिक सरल हो जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 में एसईसीएल में आंतरिक विभागीय चयन प्रक्रिया के जरिए कुल 1617 कर्मचारियों का चयन विभिन्न पदनामों में किया गया। इनमें सर्वाधिक माईनिंग सरदार, शावेल ऑपरेटर, पे-लोडर, डम्पर आपरेटर, डोजर ऑपरेटर, ग्रेडर ऑपरेटर, सुरक्षा प्रहरी, लिपिक, जूनियर डीईओ, फार्मासिस्ट, ईसीजी टेक्निशियन, स्टाफ नर्स प्रमुख हैं।

कम्पनी द्वारा इसके पूर्व भी अप्रेन्टिसशिप एक्ट के तहत युवाओं का निश्चित अवधि के लिए चयन किया गया जो कि एसईसीएल मुख्यालय एवं एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कुशल सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2019-20 में भी एसईसीएल में एक वर्ष के लिए 5500 युवाओं का अप्रेन्टीसशिप में चयन प्रस्तावित है।

निदेशक (कार्मिक) डॉ. आर.एस. झा ने कंपनी के एच. आर.प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु पिछले कुछ वर्षों में अथक परिश्रम किया । एच. आर. के विभिन्न उपागमों जैसे- कौशल उन्नयन, कौशल अनुसार विभिन्न पदों पर चयन, प्रशिक्षण एवं पुर्नप्रशिक्षण इत्यादि के जरिए टीम एसईसीएल की बहुमूल्य मानव संसाधन को और अधिक कुशल एवं दक्ष बनाया है। इन प्रयासों से एसईसीएल परिवार के कर्मियों की कार्यक्षमता एवं कार्यनिष्पादन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी. जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता की प्रक्रिया में भी सरलता आएगी।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here