प्राकृतिक खेती पर अटल बिहारी विवि में वेबिनार

बिलासपुर। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का कहना है कि एक गाय से प्राप्त गोबर और गोमूत्र से 30 एकड़ पर प्राकृतिक खेती की जा सकती है। गुजरात में एक लाख किसान परिवारों को प्रतिमाह 900 रुपये गायों की देखभाल के लिए दी जा रही है।
आचार्य देवव्रत आज अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर में  प्राकृतिक खेती एवं जल संरक्षण विषय पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुइया उइके ने की।
गुजरात गवर्नर ने कहा कि उन्होंने कुरुक्षेत्र की 200 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती की, व्यसन मुक्ति अभियान चलाया। पहले वह भी रासायनिक खेती करते थे लेकिन प्राकृतिक खेती से लगातार लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि देसी गाय के गोबर से कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों में डालें तो फसल दुगनी होगी। 70 से 80 हजार करोड़ रुपये केवल यूरिया जैसे रासायनिक खाद की सब्सिडी में केंद्र सरकार के खर्च होते हैं। यदि हम प्राकृतिक खाद उत्पन्न करें तो हमारी वनस्पति, जंगल, जमीन, पशु इत्यादि बचेंगे। अनावृष्टि और अतिवृष्टि से लोगों को निजात मिलेगी।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि आदिवासी समाज ने जल, जंगल और जमीन को संरक्षित करने का अभूतपूर्व कार्य किया है।रासायनिक खेती की वजह से जल मिट्टी और पारिस्थितिकी प्रदूषित हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे आगे बढ़ाने की बात कही।
वेबिनार में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी उपस्थित थे। उन्होंने जैविक खेती के लिए देश के सभी नागरिकों को आगे आने की अपील की। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने राज्य सरकार की नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि छत्तीसगढ़ का राज गीत-अरपा पैरी के धार, से शुरू होता है जिसमें नदी अर्थात जल संरक्षण की बात कही गई है। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती मृदा संरक्षण और किसानों को प्रोत्साहित कर जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रही है।
कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ संजय कुमार पाटिल ने प्राकृतिक खेती जैविक खेती और एकीकृत कृषि पद्धति पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी में बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह विश्वविद्यालय का दसवां वेबीनार है। इस समय का उपयोग हमने लोगों को जागरूक करने में किया है। यह दूसरा मौका है जब राज्यपाल अनुसुइया उइके वेबिनार की अध्यक्षता कर रही हैं। प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण आज ज्वलंत मुद्दा है। रासायनिक खाद व जल का निम्न स्तर चिंताजनक है।
कुलसचिव सुधीर शर्मा ने अतिथियों को धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया। वेबिनार में हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव, राजस्थान, कोयंबटूर के किसान, कृषि विज्ञान के विभाग प्रमुख और शोधार्थी छात्र भी इ जुड़े। कार्यक्रम के समन्वयक योग एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के विभाग अध्यक्ष समिति तिवारी थे, संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ एच एस होता ने किया।

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