बिलासपुर। लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे अधिवक्ताओं की सहायता के लिए दायर याचिका पर आज हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई हुई। स्टेट बार कौंसिल ने कोर्ट को बताया कि उनके पास 2500 अधिवक्ताओं के आवेदन आये हैं, जिनकी छंटनी का काम चल रहा है। दो सप्ताह के भीतर यह काम पूरा कर लिया जायेगा। इसके उपरांत 45 लाख रुपये वितरित किये जायेंगे।

हाईकोर्ट की जस्टिस संजय एस अग्रवाल व जस्टिस आरसीएस सामंत की डबल बेंच में वकीलों की आर्थिक सहायता के लिये अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से राजेश केशरवानी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से आनंदमोहन तिवारी भी उपस्थित हुए। न्यायालय ने स्टेट बार कौंसिल और राज्य सरकार के वकील से पूछा कि अधिवक्ताओं की सहायता के लिए क्या योजना है, इस पर जवाब अब तक क्यों प्रस्तुत नही किया गया।

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अधिवक्ताओं की सहायता के लिए दायर याचिका पर बार कौंसिल व सरकार से जवाब नहीं आया, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

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बेंच ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 एक ही है। कोर्ट ने पूछा कि मध्यप्रदेश ने 5 मई को अधिवक्ता सहायता, प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थिति योजना 2020 लागू कर दी है पर राज्य की ट्रस्टी कमेटी और स्टेट बार कौंसिल यहां पर ऐसी कोई योजना क्यों नहीं बना पा रही है? महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि ट्रस्टी कमेटी की बैठक विधि मंत्री मो. अकबर की अध्यक्षता में हुई है। वकीलों के कल्याण के लिए योजना बनाने पर काम हो रहा है। यहां भी मध्यप्रदेश की तरह योजना बनाई जायेगी। बार कौंसिल को भी पत्र लिखकर मदद चाहने वाले अधिवक्ताओं की सूची मांगी गई है, जिसे मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जायेगी। बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से भी बताया गया कि कार्पस फंड की 20 प्रतिशत राशि शीघ्र ही जारी की जायेगी।

 

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