बिलासपुर। रायपुर में मंडी बोर्ड की जमीन पर प्रस्तावित जैम एंड ज्वैलरी पार्क के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट की सुनवाई सामान्य होते तक रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस जमीन को आबंटित करने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी, जिसके चलते रातों-रात रुकी कार्रवाई पूरी की गई थी।

कोरोना संक्रमण के कारण बंद की गई हाईकोर्ट की कार्रवाई आज 14 सितम्बर से फिर शुरू हुई। इसमें महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेस के जरिये की जा रही है। चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की डबल बेंच में आज पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। उनके अधिवक्ताओं की ओर से कहा गया कि कृषि उपज मंडी की भूमि पर सिर्फ कृषि उपज मंडी बोर्ड का अधिकार है। इसका उपयोग सिर्फ कृषि मंडी के लिये किया जा सकता है। राज्य शासन ने नियमों के विपरीत जाकर यह भूमि एक ही दिन में पांच विभागों से अनापत्ति और अनुमोदन लिया। इसमें मंडी बोर्ड, सीएसआईडीसी, मंडी समिति, राजस्व सचिव, उद्योग संचालक व रायपुर कलेक्टर शामिल हैं। उसके बाद रात में ही यह भूमि उद्योग विभाग को सौंप दी गई।

हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेस की जगह प्रत्यक्ष रूप से होनी चाहिये। उन्होंने महाधिवक्ता से निर्माण कार्य रोकने के बारे में राय मांगी। शासन की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि निर्माण कार्य प्रारंभ होने में कम से कम 6 माह लगेंगे और तब तक निर्माण कार्य रोका जा सकता है। इस पर कोर्ट ने अंतरिम व्यवस्था दी कि जब तक न्यायालय की सामान्य कार्रवाई प्रारंभ न हो निर्माण कार्य नहीं किया जाये। यदि कोई अन्य कार्रवाई की जाती है तो उस पर हाईकोर्ट का आदेश अंतिम होगा।

यहां उल्लेखनीय है कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जैम एंड ज्वैलरी पार्क राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। मंडी बोर्ड की पंडरी स्थित इस 10 एकड़ जमीन को रायपुर कलेक्टर ने इसे अपने राजस्व अधिकार के अंतर्गत अग्रिम रूप से उद्योग विभाग को आबंटित कर दिया था लेकिन कृषि उत्पादन आयुक्त व प्रमुख सचिव मनिन्दर कौर द्विवेदी की ओर से इस जमीन को स्थानांतरित करने में देर हो रही थी। वहां फाइल करीब 8 माह तक अटकी हुई थी। कलेक्टर कांफ्रेंस में इस आबंटन में देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी व्यक्त की थी और रात तक आबंटन की प्रक्रिया पूरी करने कहा था और ऐसा किया भी गया था।

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