बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक जूनियर डॉक्टर पर सीजीपीएससी की परीक्षा में भाग लेने पर लगाई गई रोक पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। डॉक्टर पर पीएससी चेयरमैन को आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखे गए ई मेल की वजह से प्रतिबंध लगाया गया है।

तखतपुर निवासी उमाकांत राठौर ने 26 फरवरी 2022 को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को एक ई मेल भेजा था जिसमें आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। उसके विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए आयोग ने 9 मार्च को उमाकांत राठौर को कानूनी नोटिस भेजा था और जवाब मांगा था। नोटिस में कहा गया था कि समुचित जवाब नहीं देने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस का जवाब नहीं आने पर लोक सेवा आयोग ने कार्रवाई की। इसके तहत उसे सन् 2021 की इमरजेंजी मेडिकल सर्विस की सभी परीक्षाओं में भाग लेने से अपात्र कर दिया गया। इसके बाद जूनियर डॉक्टर ने आयोग को पत्र भेजकर अपने कृत्य के लिए माफी भी मांगी। पर उसके विरुद्ध आयोग का आदेश नहीं बदला गया। इस पर राठौर ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें आयोग के निर्णय को चुनौती दी गई थी।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रकरण में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को केवल एक वर्ष की परीक्षा में भाग लेने से वंचित किया गया है। आगे की परीक्षाओं के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, लिहाजा आने वाले वर्षों में उसे परीक्षा में अवसर मिलेगा।

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