घर में रहकर इलाज कराने वाले 8 लोगों की मौत भी हुई

बिलासपुर। होम आइसोलेशन में मरीजों को उपचार देने के लिये जिले में 148 स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम काम कर रही है। ये न केवल फोन पर उन्हें परामर्श दे रहे हैं बल्कि घरों और जांच केन्द्रों में जाकर सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं। गत वर्ष के अगस्त माह से अब तक 35 हजार से अधिक कोरोना पीड़ितों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है, जिनमें से 27 हजार स्वस्थ हो चुके हैं। इस दौरान सिर्फ 3.09 प्रतिशत मरीजों को अस्पतालों में रिफर किया गया। होम आइसोलेट सिर्फ 6 मरीजों की अब तक मौत हुई है।

होम आइसोलेट मरीजों की इस समय संख्या लगभग 8 हजार है। इनकी देखभाल में लगी टीम के सहायक नोडल अधिकारी डॉ. समीर तिवारी ने बताया कि 148 लोगों की टीम तीन स्तरों पर होम आइसोलेट मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल कर रही है। इनमें विजिटिंग टीम कोरोना जांच केन्द्रों में एंटिजन टेस्ट में पॉजिटिव पाये जाने वाले मरीजों को तत्काल दवाई देती है। आरटीपीसीआर में पॉजिटिव पाये जाने वाले मरीजों को घर जाकर दवाईयां दी जा रही है। रिपोर्टिंग टीम होम आइसोलेट मरीजों को आइसोलेशन की गाइडलाइन की समझाइश देती है। इसके अलावा फॉलोअप टीम मरीजों को फोन करके उनके पल्स व उनके ऑक्सीजन लेवल की जानकारी लेती है। डॉ. तिवारी ने बताया कि गत वर्ष मार्च से ही तीनों टीम संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट करने, दवा पहुंचाने व फोन से सलाह देने का कार्य बखूबी कर रही है। उनके पास 400 से अधिक फोन प्रतिदिन आते हैं और वे सबको बड़ी धैर्य से सलाह देते हैं। इस बीच डॉ. तिवारी के साथ एक हादसा भी हुआ जिसमें उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया था फिर भी वे अपनी ड्यूटी से पीछे नहीं हटे। डॉ. तिवारी ने कहा कि महामारी से विजय पाने के लिये कोरोना वारियर्स दिन रात काम कर रहे हैं लेकिन लोगों को भी मास्क लगाने, भीड़ से बचने और हाथों की नियमित सफाई करना नहीं भूलना है। इसे हमें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना है।

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