नियम विरुद्ध बेचे जा रहे प्लास्टिक बोतलों पर पेट्रोल, आरोपी ने भी खरीदा

बिलासपुर। क्रिसमस की रात आग लगाकर घर व कार में आगजनी करने के आरोपी को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने चर्च में सुबह प्रार्थना के दौरान वीडियो बनाने को लेकर हुए विवाद का बदला लेने के लिए वारदात को अंजाम दिया था। इधर पेट्रोल पम्पों में नियम विरुद्ध प्लास्टिक बोतलों में पेट्रोल दिये जा रहे हैं, जिस पर पुलिस प्रशासन की कोई सख्ती नहीं है।

बीते 25 दिसम्बर की रात मंझवापारा जरहाभाठा के असीम दास के घर के बाहर खड़ी रेनॉल्ड कार पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद पेट्रोल फेंककर घर में भी आग लगाई गई, जिससे कीमती सामान जल गये। सिविल लाइन पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की।

मालूम हुआ कि डिसाइपल्स चर्च ऑफ ख्राइस्ट में क्रिसमस के दिन सुबह प्रार्थना के दौरान दो पक्षों में विवाद हुआ था। विवाद वीडियोग्रॉफी करने को लेकर हुआ था। दोनों पक्षों में दिनभर तनातनी चल रही थी। रात में हुई आगजनी के बाद आपस में विवाद बढ़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा और शहर पुलिस अधीक्षक आरएन यादव को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। पुलिस ने एक विशेष टीम बनाई और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की। एक संदेही बार-बार घटनास्थल पर आते-जाते दिखा जिसकी सलूजा विहार, भारतीय नगर निवासी अमित विल्सन (22 वर्ष) के रूप में पहचान हुई। उसे बुलाकर पूछताछ की गई। उसने बताया कि वह चर्च में वीडियो बना रहा था जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति की। इसके बाद उसने असीम दास से बदला लेने की ठानी और वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने किसी पेट्रोल पम्प से पेट्रोल खरीदी है, पर पुलिस ने अपने जांच में इसे शामिल नहीं किया है।

प्रकरण को सुलझाने में निरीक्षक कलीम खान, प्रधान आरक्षक अशोक कश्यप, चंद्रकांत डहरिया, आरक्षक दीपक उपाध्याय, विवेक राय, तरुण केशरवानी, गोविन्द शर्मा व संजीव जांगड़े ने सक्रियता दिखाई।

पम्पों से नियम विरुद्ध बोतलों में लोग ले जा रहे पेट्रोल

पेट्रोलियम रूल्स 2002 के मुताबिक प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल देने पर पूरी तरह पाबंदी है। इसके बावजूद कमाई के फेर में पेट्रोल पम्पों के कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करते हैं। पुलिस ने कभी ऐसे मामलों में आज तक कार्रवाई नहीं की है। हालांकि रूल्स में सीमित मात्रा (एक लीटर) में कांच की बोतल में पेट्रोल देने की मनाही नहीं है। शहर के पेट्रोल पम्पों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जायें तो पेट्रोल पम्प कर्मचारियों की इस करतूत का आसानी से खुलासा हो सकता है।

मौजूदा मामले में आरोपी ने सिर्फ वाहन को क्षति पहुंचाई है पर इससे भी संगीन अपराधों को अंजाम देने के लिए, किसी को जला देने के लिए, आत्महत्या करने के लिए भी प्लास्टिक बोतलों में लिये जाने वाले पेट्रोल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

As per section 8 of Petroleum Rules 2002, you can carry petrol upto 1 litres in glassware or stone ware bottle or upto 25 litres in metal cans from a petrol pump without any licence. But you can‘t use plastic bottle for the same.

 

 

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