बिलासपुर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि देश को सुरक्षित रखने के लिए सरकार जो भी कदम जरूरी है उठाए लेकिन पाकिस्तान के नाम पर लोगों को भयभीत करना बंद करे। देश इस समय मुश्किल हालत में गुजर रहा है। सरकार को चाहिये कि वह आगे बढ़कर विपक्ष और अनुभवी लोगों की सलाह ले लेकिन दुख की बात है कि ऐसा नहीं किया जा रहा है।

खुर्शीद केन्द्र में विदेश तथा कानून मंत्री रह चुके हैं तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे एक मामले की पैरवी करने बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचे थे। महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने आज अपने कार्यालय में उनका स्वागत किया। कार्यालय के अन्य अधिवक्ता तथा हाईकोर्ट पेक्टिसिंग बार काउन्सिल के प्रेसिडेंट अधिवक्ता संदीप दुबे इस मौके पर उपस्थित थे। इस बीच पत्रकारों से चर्चा करते हुए खुर्शीद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान हमारी च्यूटी ले सकता है हमें धक्का नहीं दे सकता। वह एक छोटा सा देश है। विश्व में हमारा स्थान उससे बहुत ऊंचा है। हम उससे बहुत मजबूत और बड़े हैं। हमें अपने देश की जनता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाना चाहिए पर उसके लेवल पर नीचे जाकर बात नहीं करनी चाहिए। आज देश के लोगों की सोच, समझ और आत्मविश्वास को बढ़ाकर रखने की आवश्यकता है पर विद्वेष की भाषा बोलकर देश के लोगों को डराना-धमकाना देश के साथ विश्वासघात होगा।

देश की आर्थिक स्थिति और सामाजिक ढांचे की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहले लॉ एंड आर्डर की स्थिति पर चिंता होती थी। अब यहां स्थिरता और शांति है, पर देश की हालत चिंताजनक है। विभिन्न प्रांतों में लोग भय से जी रहे हैं। कहीं पर भी भीड़ सड़क पर उन पर हमला कर सकती है। इस बात का भी डर है कि वे संस्थाओं के पास जायेंगे तो उन्हें न्याय मिलेगा या नहीं। जिन नौजवानों को रोजगार मिलना था, उनसे यह छिन रहा है। किसानों की दशा दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। देश का हाल अच्छा नहीं। जितने भी सुलझे लोग हैं, देश के प्रति जिनमें लगन है वे बहुत संजीदगी से सोचकर कोई रास्ता ऐसा निकालें कि देश में एक बार भी स्थिरता आ सके। सरकार को आगे बढ़कर इनकी सलाह लेनी चाहिए। किसी समस्या के समाधान के लिए वह ऐसा कोई प्रयास करती है तो विपक्ष भी आगे बढ़कर सहयोग करेगा। दुख का विषय है कि जिन लोगों के पास देश को चलाने का दशकों का अनुभव है उनसे परामर्श तक लेने की जरूरत नहीं समझी जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी अपनी बात रख चुके हैं। इससे बढ़कर कोई बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कु-प्रबंधन के कारण बिगड़ी है। रघुराम राजन सहित बहुत से दूसरे लोगों ने भी यह बात कही है। जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करना सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। नोटबंदी की तकलीफ दो-चार, छह महीने तक ही रहेगी, ऐसा समझा जा रहा था लेकिन इसके दूरगामी दुष्प्रभाव अब समझ में आ रहे हैं। साथ ही लोगों पर टैक्स का आतंक है। भयभीत किया जायेगा तो पैसा कौन लगायेगा। लोग दुबई, सिंगापुर, यूरोप में बिजनेस का बेस बना रहे हैं। यह सरकार कागजी है। उसे बताना चाहिए कि रोजगार क्यों नहीं मिल रहा, नये उद्योग धंधे क्यों नहीं खुल रहे। आयात-निर्यात क्यों नहीं बढ़ रहा है। पूंजी निवेश क्यों नहीं हो रहा है।

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