चोट कैसे लगी वन विभाग अब तक नहीं पता कर सका

बिलासपुर। कानन पेंडारी चिड़ियाघर में गुरुवार को रेस्क्यू कर लाए गए घायल तेंदुए की इलाज के दौरान मौत हो गई।

बिलासपुर शहर से सिर्फ 13 किलोमीटर दूर ग्राम बिनौरी के एक फार्म हाउस से वन विभाग की एक टीम ने इसे गुरुवार की रात पकड़ा था। ग्रामीणों ने करीब डेढ़ साल के शावक नर तेंदुए को घूमते देखकर वन विभाग को सूचना दी थी। पिंजरे में तेंदुआ कैद हुआ तो पाया गया कि वह जख्मी हालत में है। कानन पेंडारी जू लाकर डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरू किया। उसकी पीठ और पेट में गहरे जख्म थे। उपचार के दौरान 2 दिन तक उसकी तबीयत में कुछ सुधार हो रहा था। शनिवार की शाम से उसने खाना पीना बंद कर दिया और रात में बेहोश हो गया। पूरी रात उसे बचाने की कोशिश डॉक्टरों की टीम करती रही लेकिन रविवार को उसने प्राण त्याग दिए।

कानन पेंडारी के डॉक्टरों के अनुसार शावक के पेट और पीठ में लोहे की तार जैसी किसी चीज के चुभने के कारण चोट गहरी थी। जब उसका उपचार शुरू किया गया तो उसमें कीड़े भी मंडरा रहे थे। इलाज के बावजूद जख्म का जहर उसके शरीर में फैल गया।

पकड़े जाने के तुरंत बाद उसे घायल अवस्था में पाए जाने पर वन विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि शिकारियों ने उसे जाल बिछाकर फंसाने की कोशिश की होगी, जिसके बाद बचने के प्रयास में वह जख्मी हुआ है। हालांकि अब तक शिकारियों का हाथ होने की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है। वन विभाग ने यह नहीं बताया है कि उन्होंने तेंदुए को लगी चोट के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उसने अभी तक क्या प्रयास किया है।

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