भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO (Indian Space Research Organisation) ने शनिवार को एक बार फिर इतिहास रच दिया है।  ISRO ने दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle)-C49 के जरिए 10 उपग्रहों (Satellites) को लॉन्च किया। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्‍पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Centre) से किया गया है। इसमें से 9 अंतरराष्ट्रीय सैटेलाइट हैं, जबकि एक भारत का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-01) है।

इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग के लिए श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में शुक्रवार दोपहर को उल्टी गिनती शुरू हई थी। मिशन डायरेक्टर ने  PSLV को लॉन्च करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी। इसके बाद पूरा अधिकार कम्प्यूटर के पास चला जाता है और वह अपनी तरफ से सारे उपकरणों और डेटा को चेक करता है। इसके बाद PSLV-C49 निर्धारित समय पर लॉन्च हुआ।

भारत का पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल अपने 51वें अभियान में अन्य देशों के नौ सैटेलाइटों के साथ भारत के पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट EOS-01 (Earth Observation Satellite EOS-01) को लेकर लॉन्च हुआ। PSLV-C49 से जिन सैटेलाइटों को लॉन्च किया गया, उनमें भारत का एक, लिथुआनिया का एक, लक्जमबर्ग के चार और अमेरिका के चार सैटेलाइट हैं।

इसरो के अनुसार, प्रस्तावित प्रक्षेपण 2020 में भारत से इसरो के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन है। 26 घंटे की उल्टी गिनती शुक्रवार दोपहर 1.02 बजे शुरू हुई। काउंटटाउन के दौरान, ईंधन भरने के अलावा, अन्य रॉकेट सिस्टम की जांच की गई। 17 जनवरी, 2020 को, भारत के दूरसंचार उपग्रह 3,357 किलोग्राम वजनी जीसैट-30 को (इनसैट-4ए का प्रतिस्थापन) एरियन रॉकेट द्वारा फ्रेंच गुयाना में कौरो लॉन्च बेस से एक जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।इस बार, इसरो  PSLV रॉकेट के डीएल वैरिएंट का इस्तेमाल कर रहा है जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स होंगे। इस रॉकेट वैरिएंट का इस्तेमाल पहली बार 24 जनवरी, 2019 को माइक्रोसेट आर सैटेलाइट को कक्षा में रखने के लिए किया गया था। ISRO के वैज्ञानिक आरसी कपूर ने कहा कि EOS-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार लगाया गया है जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है।

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