गौठान योजना को रतनजोत योजना की तरह फेल बताया

बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुखिया अजीत जोगी ने कहा है कि केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदेश की भूपेश बघेल द्वारा किया जा रहा आंदोलन राजनैतिक ड्रामे के अलावा कुछ नहीं है। वे आने वाले स्थानीय निकाय के चुनावों में इसका फायदा उठाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कामकाज का जो तरीका है उससे नहीं लगता कि वे गिरफ्तारी, नाकेबंदी की धमकी देने से डर जायेंगे और छत्तीसगढ़ सरकार के दबाव में आयेंगे।

गुरुवार की शाम मरवाही सदन में पत्रकारों से बात करते हुए अजीत जोगी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी मालूम है कि केन्द्र सरकार की एक कमेटी सभी फसलों के लिए पूरे देश में एक निश्चित दाम तय करती है। अलग-अलग राज्यों के लिए अलग कीमत तय नहीं की जा सकती। सिर्फ एक बार चुनाव वर्ष में रमन सरकार के लिए केन्द्र ने नियम को शिथिल किया था वह भी समर्थन मूल्य पर यथावत रखा गया था और बाद में बोनस का वितरण किया गया था। जोगी ने कहा कि वे खुद मुख्यमंत्री जब थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के सामने 50 से अधिक पार्टी के लोगों के साथ इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया था। पर मेरी मांग नहीं मानी गई और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर धान खरीदी की थी।

जोगी ने कहा कि भूपेश सरकार ने केन्द्र के खिलाफ गिरफ्तारी, धरना, प्रदर्शन की बात की है, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने तो आर्थिक नाकेबंदी की बात भी कह डाली है। इस तरह से टकराव का रास्ता आखिरी विकल्प होता है। अच्छा होता कि सरकार पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करती। कोई भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से मिलने के लिए मना नहीं करता है। सांसदों को भी इसमें साथ लिया जा सकता था।

जोगी ने आरोप लगाया कि सरकार ने एक दिसम्बर से धान खरीदी का निर्णय इसलिये लिया है ताकि उन्हें ज्यादा धान खरीदना न पड़े और जरूरतमंद किसान अपना धान इसके पहले ही खुले बाजार में बेच डालें। ऐसे किसानों को आज 15-17 सौ रुपये में खुले बाजार में धान बेचना पड़ रहा है।

धान से तेल निकालने की योजना पर नोबेल मिले

जोगी ने एक टीवी चैनल में आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि धान व पैरा से डीजल और पेट्रोल का निर्माण करने की मुख्यमंत्री की योजना के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसकी तकनीक के बारे में नहीं बताया है लेकिन यदि ऐसा होता है तो वे खुद नोबल कमेटी को इसके लिए पत्र लिखेंगे।

हर दिन सौ गायों की मौत हो रही

पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने कहा कि जिस तरह रतनजोत से डीजल पैदा करने की योजना पर तत्कालीन रमन सरकार फेल हुई थी वही हश्र गौठान के मामले में भूपेश सरकार का हो गया है। रतनजोत उगाने के नाम पर 5200 करोड़ रुपये फूंक दिये गये पर एक लीटर भी डीजल उत्पादित नहीं किया जा सका। गौठान योजना में करोड़ों रुपये फूंक दिये गये हैं। जिन गौठानों को उन्होंने देखा है वहां न चारा है, न पानी और न ही डॉक्टर की व्यवस्था है। हर रोज औसतन सौ गायों की भूख और बीमारी से मौत हो रही है। यह मौत नहीं गौ-हत्या है। जिन गांवों में गौठान हैं वहां सरपंच भारी कर्ज से डूब गये हैं।

जोगी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमित जोगी को सरकार के दबाव में बदले की भावना से गिरफ्तार किया गया था। यह बात मीडिया में प्रचारित की गई कि अमित जोगी ने विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरते समय अलग-अलग जन्म स्थान बताया गया लेकिन नामांकन में यह कॉलम ही नहीं होता।

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