बिलासपुर। बीसी की रकम वसूल करने के लिए एक महिला ने अपने साथियों की मदद से युवक का अपहरण कर लिया। बीच-बचाव करने पहुंचे उसके साले को भी पकड़कर वे अपने साथ ले गए। कुछ देर बाद वे दोनों उनसे छूटकर किसी तरह भाग गए। सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी महिला और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

सिविल लाइन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उसलापुर में बीसी खिलाने वाली महिला निशा ठाकुर गुरुवार की शाम कार और बाइक में चार-पांच अन्य लड़कों के साथ परिजात कॉलोनी में ठेकेदारी करने वाले ऋषभ श्रीवास्तव (30 वर्ष) के घर पहुंची। उन्होंने घर में घुसकर ऋषभ के साथ मारपीट करते हुए उसे कार में बिठा लिया। इस बीच ऋषभ का साला प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष (38 वर्ष) भी वहां पहुंचा, जिसे ऋषभ ने फोन करके बुलाया था। उसने रोकने का प्रयास किया तो उसे भी उन्होंने पकड़कर लिया। कार में ऋषभ को महिला और उसके साथी लोयेला स्कूल बहतराई के पास एक सूनसान जगह पर ले गए। जबकि एक अन्य अपहरणकर्ता ने स्कूटी पर आशुतोष को बिठा लिया था, जो कार के पीछे-पीछे चल रहा था। वहां उसने ऋषभ के फोन पर एक बैंक में काम करने वाली उसकी पत्नी प्रज्ञा को फोन कर पति को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये भेजने के लिए कहा। आरोपी महिला और उसके साथियों ने ऋषभ से कोरे स्टांप पेपर पर दस्तखत भी करा लिए। इस बीच आरोपी महिला निशा ठाकुर फोन में व्यस्त हो गई। मौका पाकर दोनों जीजा-साले उनके चंगुल से छूटकर स्कूटी से भाग गए और सीधे सिटी कोतवाली थाना पहुंचे। इधर ऋषभ की मां संगीता व पत्नी प्रज्ञा पहले से अपहरण की शिकायत दर्ज कराने सिविल लाइन थाना पहुंच चुकी थीं। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी महिला निशा ठाकुर व उसके एक साथी शुभेंदु सिकदर को हिरासत में ले लिया। घटना में शामिल दिनेश घोरे दयालबंद व धर्मेंद्र दास, स्वर्ण जयंती नगर सहित अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।

पुलिस की पूछताछ से पता चला है कि निशा ठाकुर को ऋषभ की मां संगीता श्रीवास्तव से बीसी से निकली रकम 30 हजार लेना था। इसमें से 17 हजार रुपये वह निशा को दे चुकी थी। कुछ आर्थिक परेशानी आने के कारण 13 हजार रुपये बाद में देने की बात कही थी। निशा उससे बार-बार पैसे मांग रही थी। नहीं मिलने पर उसने संगीता के बेटे ऋषभ का तथा बाद में पहुंचे उसके साले का अपहरण कर लिया।

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