बिलासपुर। लॉकडाउन में फंसे तेलंगाना के मजदूरों को लेकर गृह राज्य झारखंड लेकर जा रही स्पेशल ट्रेन आज बिलासपुर से गुजरी। यहां पर मजदूरों के लिए डिनर की व्यवस्था की गई और क्रू मेम्बर बदले गये। बिलासपुर में भी झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं लेकिन उन्हें इस ट्रेन से अपने घर जाने का मौका नहीं मिल पाया।

हैदराबाद के लिंगमपल्ली से मज़दूरों को लेकर रांची के पास हटिया की ओर रवाना हुई ट्रेन शुक्रवार शाम 5 बजकर 17 मिनट में बिलासपुर पहुंची । तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि अब सभी मजदूर और छात्र व दूसरे प्रदेशों में फंसे अन्य लोग अपने घर लौट सकेंगे। इसके बाद हैदराबाद में फंसे करीब 12 सौ मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाई है। यह ट्रेन लिंगमपल्ली से होकर हटिया जा रही है।  28 बोगी वाली इस ट्रेन में झारखंड, ओडिशा और बिहार के मजदूर सवार हैं। तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार राज्य सरकार के समन्वय से चलाई जा रही यह ट्रेन शुक्रवार सुबह लिंगमपल्ली से रवाना हुई जो रात एक बजे हटिया पहुंचेगी। जहां से बसों की मदद से मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाया जाएगा।

रेलवे के जन आहार में इन मजदूरों के लिए 1240 पैकेट वेज बिरयानी तैयार की गई और उन्हें वितरित किया गया। फिजिकल डिस्टेंस से लेकर अन्य सुरक्षा के तमाम उपाय करने रेलवे ने दावा किया है।

झारखण्ड जाने वाली पहली स्पेशल ट्रेन का रायपुर रेलवे स्टेशन पर दो मिनट का ठहराव दिया जाना था। ट्रेन के आगमन को लेकर रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी और गंज पुलिस तथा रेलवे के कर्मचारी भारी संख्या में मौजूद थे, लेकिन ट्रेन को सरोना से बाईपास से आगे के लिए रवाना कर दिया गया। बिलासपुर में जिला पुलिस के अलावा आरपीएफ और जीआरपी जवान बड़ी संख्या में मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का परिचालन रोक दिये जाने के कारण बिलासपुर में भी सौ से अधिक ऐसे मजदूर फंसे हुए हैं जो झारखंड, बिहार आदि राज्यों से हैं। इन्हें त्रिवेणी सभागार में रुकवाया गया है। तेलगांना के मजदूरों को लेकर निकली इस ट्रेन में बिलासपुर के मजदूरों को भी घर पहुंचाया जा सकता है पर ऐसा नहीं किया गया। रेलवे का इस सम्बन्ध में कहना है कि बिलासपुर में सिर्फ ऑपरेशनल स्टापेज के कारण ट्रेन रोकी गई थी। रास्ते में किसी भी स्थान से मजदूरों को बिठाने की अनुमति नहीं थी। रेल प्रशासन ने दावा किया है कि पूरी यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया जा रहा है।

आज से शुरू हुई ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि मई दिवस 1 मई से अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों और छात्रों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए आज से ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों की शुरूआत की गई है। मानक प्रोटोकॉल्‍स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी अगवानी करने वाली संबंधित दोनों राज्‍य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडि़यां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलाई जा रही है। रेलवे और राज्‍य सरकारों की ओर से समन्‍वयन और “श्रमिक स्‍पेशल्‍स’’ के  सुचारु परिचालन के लिए वरिष्‍ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्‍त किया जा रहा है।

यात्रियों को भेजने वाले राज्‍यों द्वारा उनकी जांच की जा रही है और यात्रा की अनुमति केवल उन्‍हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा। भेजने वाली राज्‍य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्‍टेशन तक सैनिटाइज्‍ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्‍य सावधानियों का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा। प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा। भेजने वाले राज्‍यों द्वारा शुरुआती स्‍टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा।

रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्‍ते में रेलवे भोजन प्रदान करेगा।

गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी। वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्‍वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी।

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