मुंबई।  भारी बारिश के दौरान भूस्खलन होने से कई घर ढहने से मुंबई के तीन उपनगरों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को कहा है कि आगे की बारिश के पूर्वानुमान है, इसलिये खतरे वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया जा रहा है।

बचावकर्मियों ने जीवित बचे लोगों को खोजने के प्रयास में जमीन खोदने के लिए अपने हाथों का सहारा लिया, अधिकारियों का कहना है कि मलबे के अंदर और लोग फंसे हो सकते हैं। आपातकालीन कर्मी घायलों को संकरी गलियों से होकर अस्थायी स्ट्रेचर पर ले गये।

पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण मुंबई के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे देश की आर्थिक राजधानी चरमरा गई है। मौसम विभाग ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य के तट पर अगले चार दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि खतरनाक स्थिति में रहने वाले लोगों को तुरंत स्थायी बस्तियों में स्थानांतरित कर रहे हैं।

दौरान जुलाई से सितंबर बीच मानसून के दौरान, अक्सर पुरानी या अवैध रूप से निर्मित इमारतों के ढहने का कारण हर वर्ष ऐसी स्थिति बनती है।

अधिकारियों ने पिछले 24 घंटों के भीतर मुंबई क्षेत्र में घरों या दीवारों के गिरने की 11 घटनाओं की सूचना दी है। एक मोहल्ले में एक पहाड़ी की तलहटी में स्थित करीब आधा दर्जन झोंपड़ियां एक दूसरे के ऊपर गिर गईं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में अपनी संवेदना व्यक्त की और पीड़ितों के लिए सहायता की घोषणा की।

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