बिलासपुर। परिवहन विभाग व यातायात पुलिस ने चिकित्सकों की टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 200 स्कूली बसों की जांच की और ड्राइवरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। निर्धारित 16 बिंदुओं की जांच में 37 बस अनफिट मिले वहीं वाहन चालक कई बीमारियों से पीड़ित पाए गए।
जांच में 171 स्कूल बसों निर्धारित मापदण्ड में सही मिले व 37 बस अनफिट थे। चार स्कूल बसों से 10000 रुपये शमन शुल्क भी लिया गया। एक स्कूल बस का 23870 रुपये टैक्स का जमा कराया गया। कुल 37 बसों में कमी पायी गई। इनमें बिना परमिट 2, बिना फिटनेस 2, बिना सुरक्षा जाली-11, बिना रिपलेक्टर-6, तथा 16 स्कूल बसों मेंअग्निशमन यंत्र, एवं प्राथमिक उपचार पेटी किट में एक्सपायरी होना पाया गया।  इन सभी बसों के मालिकों को सुधार केलिए 3 दिन का समय दिया गया है।
दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी 208 वाहन चालकों का नेत्र परीक्षण एवं बी.पी. शुगर जांच की गई। इसमें गैस्टो के 12, बुखार के 6, चर्मरोग के 11 तथा शुगर के 16 बीमारी मरीज मिले।  स्कूल के संचालकों एवं चालकों, परिचालकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वाहन का संचालन करने की हिदायत दी गई।
इस दौरान आरटीओ अनुभव शर्मा, आरटीओ ने कहा कि बस संचालक यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वाहन का संचालन नहीं करते है तो उन पर मोटरयान अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बच्चों से नम्र व्यवहार करने का अनुरोध भी किया गया।

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