सर्वाधिक मामले रायपुर जिले के सुलझे, सुलह की दर हाईकोर्ट व दुर्ग जिले में सबसे अधिक रही

बिलासपुर । हाईकोर्ट व जिला न्यायालयों में आज रखी गई देश की पहली ई लोक अदालत में दो हजार 255 मामलों का निपटारा आपसी समझौते से हुआ और इन पर 43 करोड़ 38 लाख 87 हजार 273 रुपये के अवार्ड पारित किये गये।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की पहल पर आज देश की पहली ई लोक अदालत रखी गई थी, जिनके लिये 195 खंडपीठों में मोटर दुर्घटना दावा, बैंक रिकवरी, बिजली बिल विवाद, इंश्योरेंस, वैवाहिक विवाद, चेक बाउन्स आदि के मामलों की  सुनवाई की गई। पक्षकार और वकील अपने-अपने घरों से ऑनलाइन जुड़े और न्यायालयों में प्रकरणों की पैरवी की।

प्रदेश के 23 जिलों में यह ई लोक अदालत रखी गई थी। इसके अलावा हाईकोर्ट में भी दो पीठ गठित की गई थी। आज सभी न्यायालयों में विचार के लिये 4820 प्रकरण रखे गये जिनमें से 2250 मामलों का ऑनलाइन सुनवाई के जरिये निराकरण हो गया। सर्वाधिक मामले रायपुर के सुलझे हैं। यहां 848 मामले रखे गये थे जिनमें से 549 में समझौता हो गया। इन मामलों में 19 करोड़ 94 लाख 660 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। दुर्ग में 300 प्रकरण सुलह के लिये आये जिनमें से 293 प्रकरणों का निराकरण हो गया। दुर्ग में काफी अच्छी सफलता मिली। यहां सिर्फ सात मामलों में समझौता नहीं हो पाया। यहां से कुल अवार्ड पांच करोड़ 39 लाख 97 हजार 329 रुपये का पारित किया गया। बिलासपुर में 488 प्रकरण राजीनामा के लिये रखे गये जिनमें से 195 में समझौता हो गया। यहां कुल दो करोड़ 62 लाख 38 हजार 693 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। हाईकोर्ट की दो खंडपीठों में 156 में 155 मामलों का निराकरण हो गया, केवल एक में समझौता नहीं हो पाया। यहां तीन करोड़ 73 लाख 35 हजार 200 रुपये का अवार्ड पारित किया गया है। बस्तर संभाग का बीजापुर ही एक ऐसा जिला रहा जहां सुनवाई के लिये 12 मामले आये थे लेकिन इनमें से किसी का भी निराकरण नहीं हो पाया। हालांकि बस्तर जिले में 112 में 15 मामलों पर समझौता हो गया जिन पर एक करोड़ 22 लाख 8 हजार रुपये का अवार्ड पारित हुआ है।

राज्य स्तरीय पहली लोक ई अदालत का उद्घाटन आज सुबह हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन ने किया था।

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