अब परिषद् में कांग्रेस-भाजपा के पार्षद बराबर, नये अध्यक्ष के लिये सरगर्मी

बिलासपुर। मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को बहुचर्चित नाली निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में पद से बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार कांग्रेस नेता उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।

नगरीय प्रशासन विभाग के उप सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उनका स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता सोनकर व तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी सहित 6 लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार के मामले में अपराध दर्ज किया गया था। सोनकर ने अग्रिम जमानत के लिये सुप्रीम कोर्ट तक प्रयास किया था लेकिन आखिरकार उन्हें अदालत में समर्पण करना पड़ा। सभी के विरुद्ध कलेक्टर से शिकायत की गई थी होरीलाल शर्मा वार्ड क्रमांक 6 में नाली निर्माण के लिये स्वीकृत राशि 13 लाख 21 हजार रुपये का फर्जी बिल लगाकर गबन कर लिया गया है, जबकि वार्ड में नाली का निर्माण भी नहीं हुआ है। इसे लेकर सोनकर ने नगरीय प्रशासन विभाग से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया था। मोटे तौर पर उन्होंने कहा था कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी के परीक्षण और अनुशंसा के बाद ही उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर किये थे। इस मामले में ठेकेदार सोफिया कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर ने घोटाले की पूरी राशि भी नगरपालिका में वापस जमा करा दी थी।

सोनकर की बर्खास्तगी के बाद अब मुंगेली में नये अध्यक्ष के चुनाव के लिये सरगर्मी शुरू हो गई है। यहां के 22 पार्षदों में एक सोनकर के जेल चले जाने के बाद 21 पार्षद रह गये हैं जिनमें एक निर्दलीय तथा 10-10 कांग्रेस और भाजपा के हैं।

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