बिलासपुर। महापौर किशोर राय की अध्यक्षता में नगर निगम की मेयर इन कौंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे अधीक्षण यंत्री सुधीर गुप्ता को बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है।

बताया जाता है कि गुप्ता ने राज्य शासन के समक्ष अपनी बहाली के लिए आवेदन लगाया था, जिसे नगर निगम बिलासपुर को भेज दिया गया था। चूंकि निलम्बन की कार्रवाई भी नगर निगम ने की थी इसलिये बहाली के लिए भी नगर निगम को फैसला लिया जाना था। दरअसल, एक साल से अधिक समय तक यदि किसी शासकीय सेवक के मामले में अदालत का निर्णय नहीं आता है तो उसे अपनी बहाली के लिए आवेदन लगाने का अधिकार होता है।

एंटी करप्शन ब्यूरो ने सुधीर गुप्ता के नेहरू नगर स्थित मकान पर 27 मार्च 2002 को छापा मारा था। इसमें उनकी तमाम आय का आकलन करने के बाद पाया गया था कि 34 लाख रुपये की अतिरिक्त चल-अचल सम्पत्ति उनके पास है। एसीबी ने करीब 15 साल बाद यह निष्कर्ष निकाला था और सन् 10 जुलाई 2017 को उन्हें गिरफ्तार किया था। जमानत नहीं मिलने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। कुछ माह बाद उन्हें जमानत मिल गयी थी, किन्तु गिरफ्तारी के बाद नगर निगम ने उन्हें निलम्बित कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद गुप्ता ने एक साल तक अपने मामले में फैसला नहीं आने पर बहाली का आवेदन लगाया था। गुप्ता को एसीबी में प्रकरण लम्बित होने के बावजूद सन् 2014 में अधीक्षण यंत्री पद पर पदोन्नत कर दिया गया था।

ज्यादा नीचे दर पर टेंडर हासिल करने वालों पर कसी गई लगाम

मेयर इन कौंसिल की बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण फैसला नगर निगम में बिलो रेट पर चल रहे निर्माण कार्यों पर लिया गया। दरअसल, सड़क-नाली निर्माण के लिए ठेकेदार प्रतिस्पर्धा के चलते 25-30 प्रतिशत बिलो रेट पर टेंडर हासिल करते हैं। उसके बाद बची हुई स्वीकृत राशि से अतिरिक्त काम कराने की मंजूरी करा लेते हैं। इससे स्वीकृत राशि तो पूरी खर्च हो जाती है पर काम की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसके चलते मेयर इन कौंसिल ने निर्णय लिया है कि बिलो टेंडर से बचने वाली राशि से अतिरिक्त कार्यों की मंजूरी नहीं दी जायेगी। इसका इस्तेमाल नगर निगम दूसरे आवश्यक कार्यों में करेगी।

मेयर इन कौंसिल की बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें सड़क निर्माण, आरसीसी नाली निर्माण को लेकर निर्णय लिये गये। तारबाहर हायर सेकेन्डरी में शहीद अश्वनी प्रधान की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राज्य शासन से पत्र व्यवहार का निर्णय लिया गया।  बैठक में सभापति अशोक विधानी, सदस्य उदय मजूमदार,रमेश जायसवाल, उमेशचंद्र कुमार, व्ही.रामाराव, बंशी साहू, अंजनी कश्यप, मधुबाला टंडन व नगर निगम के अधिकारी उपस्थित थे।

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