पहली बार बटरफ्लाई मीट, कई राज्यों से पहुंचे प्रतिभागी

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पहली बार बटरफ्लाई मीट का आयोजन 2 से 4 दिसंबर तक किया गया। अपने तरीके के इस अभिनव आयोजन का उद्देश्य आम लोगों में प्रकृति एवं वन्यजीव के प्रति जागरूकता लाना था और लोगों को जैव विविधता की सुंदरता से परिचित कराना था। टाइगर रिजर्व के विभिन्न पहलुओं को भी इस दौरान लोगों के सामने लाया गया।

आयोजन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी वी नरसिंघा राव विशेष रूप से शामिल हुए। आयोजन के रूपरेखा की जानकारी फील्ड डारेक्टर एस जगदीशन ने दी।

तितलियों के जानकार वसुंधरा सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर से शामिल गौरव निहलानी ने प्रतिभागियों को तितलियों के बारे में बताया। उन्होंने अचानकमार में किन-किन संभावित तितलियों को देखा जा सकता है, उसका विवरण भी दिया। एटीआर में प्रतिभागियों ने अगले दो दिन तक तितलियों के बारे में टाइगर रिजर्व में भ्रमण कर उनकी जानकारी जुटाई और उनकी एक से बढकर एक तस्वीरें कैद कीं।

कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए। इनमें मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के प्रतिभागी थे। इसके असलावा केंद्रीय गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।।

वन विभाग के साथ राज्य के विभिन्न संस्थाएं और पर्यावरणविद् भी यहां पहुंचे। टाइगर रिजर्व के अलग अलग चुने हुए 10 मार्गों में प्रतिभागी रिसोर्स पर्सन्स के साथ तितलियों की प्रजातियों की पहचान की और उनके बारे में जानकारी ली। बटरफ्लाई मीट के दौरान 97 विभिन्न प्रकार के तितली प्रजाति पाई गई। इनमें कुछ बेहद दुर्लभ और विलुप्त प्राय हैं, जैसे कॉमन मैप, ऑरेंज ऑकलेफ, पॉइंटेड सीलिएट, ब्लू, बैंबू ट्री ब्राउन, चेस्टनट बॉब, कॉमन शॉट, सिल्वर लाइन इत्यादि।

एटीआर के फील्ड डायरेक्टर एस जगदीशन मार्गदर्शन और डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा संरक्षण में किया गया। मेजबानों में वन विभाग से अधीक्षक संजय लूथर, प्रह्लाद यादव, परिक्षेत्र अधिकारी अजय शर्मा, अविनाश एमन्नुएल के साथ एटीआर के कर्मचारियो की टीम साथ थी।

इसके साथ नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी से एम सूरज, दिवाकर राजपूत, और मोइज अहमद पहुंचे। साथ कलिंगा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फैज बक्स, छत्तीगढ़ वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन से शिरीष डामरे, रत्नेश गुप्ता, संतोष खंडेलवाल, वाईवी जोगलेकर, सुयश जगत, रितेश कुमार श्रीवास और अभिजीत शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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