रजिस्ट्रार जनरल को ज्ञापन सौंपकर वापस लौटे

बिलासपुर । एसईसीएल ​की कोयला खदानों के लिए विस्थापित किसान सैकड़ों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर गेवरा से पैदल चलते हुए हाईकोर्ट पहुंचे। चीफ जस्टिस से मिलकर वे ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन पुलिस की समझाइश पर रजिस्ट्रार जनरल से मुलाकात करके वापस लौटे।

कोरबा जिले की खदानों से विस्थापितों ने 2 दिसंबर को गेवरा से यात्रा शुरू की थी। 5 दिसंबर को वे एसईसीएल मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने एसईसीएल मुख्यालय के सामने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद वे तय कार्यक्रम के अनुसार हाईकोर्ट के लिए रवाना हुए।

ग्रामीणों के हाईकोर्ट की ओर बढ़ने की सूचना पहले से पुलिस को थी। उन्होंने तिफरा स्थित हाईटेक बस स्टैंड के पास भीड़ को रोक दिया और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए आगे नहीं बढ़ने की हिदायत दी। जब उन्होंने चीफ जस्टिस को ज्ञापन सौंपने की बात कही तब पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि वे सीधे ज्ञापन नहीं लेंगे बल्कि उन्हें रजिस्ट्रार जनरल से मिलवा दिया जाएगा। आंदोलनकारी इसके लिए सहमत हो गए और उनके प्रतिनिधिमंडल ने हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को ज्ञापन सौंपा।

खदान प्रभावित भू विस्थापितों की रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे से संबंधित 11 सूत्री मांगे हैं। इनमें प्रमुख रूप से रोजगार के पुराने लंबित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण, भू अर्जन के बाद जन्म लेने वालों के प्रकरण में रोजगार दिलाने के लिए सार्थक कार्रवाई, शासकीय भूमि, वन भूमि पर मकान बनाकर रहने वालों और भूमिहीन परिवारों को समुचित लाभ देने, भू अर्जन को लेकर 2012 की कोल इंडिया की पॉलिसी को वापस लेना, प्रत्येक खाताधारक को रोजगार देने और शेष परिवारों को वैकल्पिक रोजगार देने, खदान बंद होने पर मूल खातेदार को जमीन वापस करने, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले लोगों पर एफ आई आर दर्ज करने और दर्ज मामलों में जांच करने की मांग शामिल हैं।

 

 

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