“जोगी मेरे मित्र हैं, थे और रहेंगे”

बिलासपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपने विवेक से इस्तीफा दिया है। हालांकि कांग्रेस का कोई व्यक्ति इससे सहमत नहीं है। कांग्रेस कार्यसमिति ने पहल की है कि वे अपना इस्तीफा वापस ले लें और पहल की है अपने फैसले पर फिर विचार करें। दिग्विजय सिंह रविवार को अपने मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री रहे स्व. बी आर यादव की प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल होने के लिए बिलासपुर आये थे ।

कार्यक्रम से पूर्व यादव के निवास पर उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 1969 के बाद कांग्रेस में दो बार विभाजन हुआ और दोनों बार वही कांग्रेस रही जिसका नेतृत्व गांधी परिवार ने किया। नेहरू-गाँधी परिवार ने देश के लिए अपनी शहादत दी है जबकि किसी अन्य पार्टी में ऐसा कोई नेता नहीं है जिन्होंने देश के लिए शहादत दी हो।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने के प्रश्न पर उन्होंने उल्टे पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी में परिवारवाद नहीं है? उन्होंने जोर दिया कि वहां भी काफी परिवादवाद है। भाजपा के लिए यह प्रश्न क्यों नहीं खड़ा किया जाता।

विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश और राजस्थान में जीत के बाद लोकसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की करारी हार के पीछे क्या कारण हैं? पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स में हार-जीत होती रहती है।

सवाल किया गया कि नर्मदा परिक्रमा के बाद आपके पक्ष में माहौल था और लग रहा था आप भोपाल जीत लेंगे फिर भी साध्वी प्रज्ञा से हार गए? दिग्विजय सिंह ने अपना पुराना बयान दोहराया कि नाथू राम गोडसे जीत गए और महात्मा गाँधी हार गए।

कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन सरकार को लेकर वहां के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी रोते हैं कि सरकार मजबूरी में चल रही है? उन्होंने कहा कि मैंने कुमारस्वामी को कभी रोते हुए नहीं देखा है। वहां सरकार ठीक चल रही है।

एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरी कमलनाथ से 40 साल पुरानी दोस्ती है और मैं ऐसा व्यक्ति हूँ जिसकी सबके साथ पटरी बैठती है। उनसे पूछा गया, लेकिन आपको तो निपटा दिया गया? दिग्विजय सिंह ने अत्यंत संजीदगी से कहा कि निपटाने का काम न कमलनाथ जी करते हैं और न मैं करता हूँ ।

छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस की सरकार को कैसे देखते हैं, उन्होंने ने कहा कि निजी तौर पर छत्तीसगढ़ राज्य बनने से मुझे बेहद प्रसन्नता है कि वह निर्णय बिलकुल सही था।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों का अपार समर्थन भी मुझे निजी तौर पर मिला, जो मैं भुला नहीं सकता। छत्तीसगढ़ नैसर्गिक संसाधनों से भरपूर है और आज बेहतर प्रगति कर रहा है।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सम्बन्ध में भी उन्होंने कहा कि जोगी जी मेरे मित्र थे, हैं और रहेंगे। जब वे राज्यसभा में आये तब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था। हम लोग ही उनको राज्यसभा में लेकर आये थे, जब वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने तो मैंने ही उन्हें कमान सौपी थी।

दिग्विजय सिंह सही कह रहे हैंः जोगी 

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे सही कह रहे हैं। हम कांग्रेस में साथी रहे हैं और मेरी राजनीतिक यात्रा में मुझे उनका बड़ा समर्थन मिला।

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