रायपुर। दिसंबर 2018 में कानन पेण्डारी सफेद बाघ की मौत की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी, लेकिन सूचना अधिकारी ने इसकी जानकारी नहीं दी गई। अब जनसूचना अधिकारी के वेतन से 50 हजार रूपए काटकर शासन के कोष में जमा करने का निर्देश दिया गया है।

मालूम हो कि शासकीय जू में वन्य प्राणी की मौत होने पर निजी पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम कराने का प्रावधान नहीं है। पशुधन विकास विभाग के वेटरनरी डॉक्टर को भी उपसंचालक अथवा संयुक्त संचालक पशुधन विकास विभाग के माध्यम से ही बुलाया जाता है। सूचना का अधिकार के तहत रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने कानन पेण्डारी जू में 2 आवेदन लगाकर जानना चाहा था कि सफेद बाघ का पोस्टमार्टम किन वेटरनरी डॉक्टरों ने किया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी गई। दूसरे आवेदन में जानकारी चाही गई कि पोस्टमार्टम के लिए उपसंचालक अथवा संयुक्त संचालक पशुधन विकास विभाग को क्या कोई पत्र लिखा गया था।

जू प्रशासन ने आवेदक को कोई भी जानकारी नहीं प्रदान की गई। सूचना आयोग में शिकायत प्रकरण के दौरान बताया गया कि पोस्टमार्टम बिलासपुर के निजी चिकित्सक एवं एक पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया। परंतु उपसंचालक अथवा संयुक्त संचालक पशुधन विभाग को कोई पत्राचार नहीं किया गया। स्पष्ट है कि पशु चिकित्सक को उपसंचालक को बायपास करते हुए सीधे बुलवाया गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सर्पदंश से मृत्यु का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। इसके विपरीत सर्प विष के समान कोई विषैले पदार्थ के कारण मौत होना बताया गया है। सूचना आयुक्त एके अग्रवाल ने सूचना प्रदाय न करने के कारण कानन पेण्डारी जू के तत्कालीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी एवं जन सूचना अधिकारी अजय शर्मा जो कि वर्तमान में प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी रतनपुर है। दोनों पर प्रकरण क्रमांक सी/381/2019 एवं सी/381/2019 में रूपए 25000 प्रत्येक प्रकरण के हिसाब से 50 हजार रूपए की पेनाल्टी अभी रोपित कर वन मंडल अधिकारी बिलासपुर को निर्देशित किया है कि दंड राशि की वसूली दोषी जन सूचना अधिकारी के वेतन से वसूल कर शासन को कोष में जमा करने की कार्यवाही करें।

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