बिलासपुर। दुर्लभ बीमारी स्पाइऩल मस्कुलर एस्ट्रोफी से ग्रस्त छह महीने के अयांश का इंजेक्शन इसे बनाने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनी की ओर से मुफ्त दिया जायेगा। हर वर्ष लॉटरी के जरिये 100 लोगों को यह इंजेक्शन मुफ्त दिया जाता है जिसमें उसका नाम आ गया है।

राजकिशोरनगर के व्यवसायी अंचल और आशु को जन्म के दो माह बाद आभास हुआ कि उसके बेटे अयांश के शरीर में मूवमेंट नहीं है। मालिश करने व इंजेक्शन लगाने से उसे दर्द तो होता था पर उसके शरीर में किसी प्रकार की सक्रियता महूसस नहीं होती थी। उन्होंने स्थानीय स्तर पर और उसके बाद बेंगलूरु में चेकअप कराया तो स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रोफी बीमारी होने की बात सामने आई। इसे एक आनुवंशिक विकार माना जाता है जिसके अंतर्गत तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं। डॉक्टरों ने यहीं बताया कि उसके इलाज के लिये जोलगेन्स्मा जीन थेरेपी इंजेक्शन की जरूरत होगी। यह इंजेक्शन दोषपूर्ण जीन को सामान्य जीन में बदल देता है। इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस कंपनी करती है। इसकी कीमत भारतीय करंसी में करीब 15.50 करोड़ रुपये है। अंचल और आशु के लिये इस भारी रकम को जुटाना बहुत मुश्किल था। वे कुछ महीनों के प्रयास से अब तक सिर्फ दो लाख रुपये जमा कर पाये थे। इस बीच उन्हें जानकारी मिली कि दवा बनाने वाली नोवार्टिस कंपनी हर साल लॉटरी निकालकर 100 मरीजों को मुफ्त मुहैया कराती है। इस लॉटरी में उन्होंने अयांश का नाम भी भेजा था। सुखद संयोग रहा कि अयांश का नाम उन 100 लोगों में शामिल हो गया जिनके नाम पर भी लॉटरी निकली है। अब लगभग 16 करोड़ रुपये का यह इंजेक्शन उसे मुफ्त में मिल जायेगा। कंपनी ने अस्पताल प्रबंधन को बताया है कि उन्हें यह इंजेक्शन भेजा जा रहा है। फिलहाल आईसीयू में भर्ती अयांश को निमोनिया हो गया है, निमोनिया ठीक होते ही उसे इंजेक्शन लगाने की तैयारी की गई है।

 

 

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